गोरखपुर ब्यूरो। जानकारी के मुताबिक बीएस-6 के डीजल व पट्रोल वाहन को सीएनजी और एलपीजी किट को रेट्रो फिटमेंट के माध्यम से बदला जा सकेगा। लेकिन, इसके लिए वाहन का वजन 3.5 टन से कम होना चाहिए। ऐसे गाडिय़ों की संख्या जिले में 25 हजार के करीब है। इस संदर्भ में परिवहन मुख्यालय से सुझाव मांगे गए हैं। अगर किसी तरह के बलदाव के कोई सुझाव आए तो कुछ संसोधन के साथ इस व्यवस्था को एक अप्रैल से लागू कर दी जाएगी। आरआई राघव कुशवाहा ने बताया कि बीएस-6 गाडिय़ों को सीएनजी और एलपीजी किट लगाने की अनुमति मिलने के बाद डीजल व पेट्रोल की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड व धुंआ का लेवल कम होगा। साथ ही फ्यूल खर्च में 60 फीसदी की होगी।

हजारों लोगों को मिलेगी राहत

पॉल्युशन को कम करने के लिए मुख्यालय ने बीएस-6 वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगाने का निर्णय लिया है। इस फैसले से शहर के हजारों वाहन चालकों को राहत मिलेगी। हालांकि शहर के

लोग अब सीएनजी व एलपीजी किट लगवा सकेंगे।

जारी हुआ नोटिफिकेशन

एक अप्रैल 2020 से बीएस-6 पेट्रोल वाहन बाजार में आने शुरू हो गए थे, लेकिन इन वाहनों में सीएनजी और एलपीजी रेट्रोफिट नहीं की जा सकी थी। हालांकि मुख्यालय की ओर से इस संबंध में कोई

नियम नहीं था। इसलिए सीएनजी और एलपीजी लगवाना अवैध था। इस वजह से लोग पेट्रोल से ही वाहन चला रहे थे। मगर अब मुख्यालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। साथ ही इस संबंध

में सुझाव भी मांगे हैं।

क्या है फायदे -

- यह दूसरे ईधन जैसे पेट्रोल डीजल की तुलना में सस्ती मिलती है।

- इस गैस मिलने वाला माइलेज पेट्रोल-डीजल की तुलना में अधिक होता है।

- इन गाडिय़ों से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचता है।

- यह वाहन के इंजन की क्षमता को बढ़ाता है। इसके साथ यह इंजन को साफ रखता है।

- गैस के उपयोग करने से इंजन की आवाज कम हो जाती है, जिससे नॉयज पॉल्युशन भी कम होता है।

यह हो सकता है नुकसान -

- इस गैस के सर्विस स्टेशन बहुत कम हैं ।

- कार के पेट्रोल या डीजल इंजन से सीएनजी इंजन बनाने में काफी खर्च आता है।

- इसके इस्तेमाल से गाड़ी का एक्सहॉस्ट वॉल्ब जल्दी खराब हो सकता है।

- सीएनजी सिलिंडर काफी भारी होते है।

- इसका इस्तेमाल करते वक्त समय-समय पर इंजन का ऑयल और एयरफिल्टर चेक करना पड़ता है।

बीएस-6 गाडिय़ों में सीएनजी व एलपीजी लगाए जाने के संदर्भ में आदेश मिलते ही इस नई व्यवस्था को लागू करा दिया जाएगा।

- श्यामलाल, एआरटीओ प्रशासन