गोरखपुर ब्यूरो। सीओ ने बताया कि कैंट इंस्पेक्टर शशिभूषण राय की टीम की छानबीन में सामने आया कि आरोपित बदमाश पहले दिल्ली में रहकर टेंपो चलाते थे। वहीं पर दोनों ने जहरखुरानी की ट्रेनिंग ली। इसके बाद गोरखपुर आकर लखनऊ तक अपने काम को अंजाम देने लगे। हर जिले में एक घटना करने के बाद दूसरे जिले में चले जाते हैं, ताकि कोई शक न कर पाए। होटल में कमरा लेकर दोनों ठहरते हैं। फिर किसी यात्री को टारगेट करके उसके साथ वारदात को अंजाम देने निकले निकल जाते हैं।

किसी चीज में मिला देते थे पाउडर

पुलिस का कहना है कि दोनों वैगनार कार से रेलवे स्टेशन पर खड़े रहते हैं। जब कोई यात्री ट्रेन से उतरकर आता है तो उसे कहां जाना है। यह पूछकर खुद को डाक विभाग का पार्सल पहुंचाने वाला

कर्मचारी बताते हुए सवारी को कार में बैठा लेते थे। रास्ते में चाय या अन्य किसी चीज में नशे का पावडर मिलाकर पिलाने के बाद पैंसेजर का सारा सामान, नकदी लेकर उसे उतार देते। इतना नहीं,

इलेक्शन में चुनाव की चेकिंग के नाम पर दोनों ठगी करते थे। पैसे, छोटे सामान, एटीएम या अन्य कोई चीज लिफाफे में रखवाकर पैंसेजर से सामान लेकर फरार हो जाते थे।

हैदराबाद से देवरिया जा रहे व्यक्ति को लूटकर फेंका

29 जनवरी की रात हैदराबाद से देवरिया के रूद्रपुर बेटे की शादी में शामिल होने जा रहे सदावृक्ष तिवारी को अपना शिकार बनाया था। रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद बदमाशों ने उनको कार में बैठा

लिया। उन्हें कूड़ाघाट में अचेतावस्था में उतारकर फरार हो गए थे। उनके पास से बदमाशों ने 20 हजार रुपए नकद लूटा। उनके एटीएम कार्ड की मदद से 40 हजार रुपए की निकासी की। एटीएम से 27

हजार का तेल भी गोरखनाथ एरिया के पेट्रोल पंप पर भरवाया। घटना की सूचना 30 जनवरी को सदावृक्ष ने कैंट थाने में दी। इसके बाद से ही पुलिस की टीम बदमाशों की तलाश में जुटी थी।

रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद रहकर शातिर लोगों को शिकार बनाते थे। छानबीन के दौरान उनको अरेस्ट किया गया है। उनके पास से नकदी और नशे का सामान बरामद हुआ है।

- श्यामदेव, सीओ कैंट