- वाटर पाइपलाइन लीकेज और नाली ओवरफ्लो के चलते टूट रही हैं शहर की सड़कें

- नगर निगम की लापरवाही के चलते गढ्डों में तब्दील हो गए हैं कई मुख्य रास्ते

GORAKHPUR: शहर की सड़कों की देखरेख की जिम्मेदारी निभाने वाला नगर निगम ही सिटी की रोड्स को बर्बाद कर रहा है। कहीं सड़क के नीचे पाइपलाइन लीकेज तो कहीं नाले का पानी ओवरफ्लो होने के चलते शहर की कई प्रमुख सड़कें टूट गई हैं। स्थिति यह है कि निगम की इस लापरवाही के चलते एक दर्जन से अधिक सड़कें जर्जर हाल हो चुकी हैं। आप भी देखिए शहर के प्रमुख रास्तों की बदहाली का हाल।

मोहद्दीपुर

डेली आने-जाने वालों की संख्या- दो लाख

जीडीए ने आठ माह पहले जाम से निजात दिलाने के लिए मोहद्दीपुर चौराहा के चौड़ीकरण का कार्य किया। लेकिन अब एक नई समस्या ने यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। बीते 10 अप्रैल से इस चौराहे के पास पानी की पाइपलाइन में लीकेज हो रहा है। 13 अप्रैल को दो जगहों पर लीकेज का पानी सड़क पर फैलने लगा। जिसके चलते शनिवार को यहां सड़क अचानक दो फीट धंस गई। यहां पर दुकान चलाने वाले मनिंदर सिंह ने बताया कि ये गड्ढा लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे लग रहा है कि ये सड़क और भी टूट जाएगी।

हरिओम नगर

डेली आने-जाने वालों की संख्या- डेढ़ लाख

हरिओम नगर चौराहा से अंबेडकर चौराहा तक जाने वाला रास्ता शहर की मुख्य सड़कों में एक है। कचहरी जाने वाले लगभग 40 प्रतिशत लोग रोजाना इसी रास्ते जाते हैं। नगर निगम की लापरवाही से यह रास्ता भी गड्ढों में तब्दील हो गया है। इस रोड के किनारे बनी नालियों से जल निकासी की उचित व्यवस्था ना होने के चलते नालियों का पानी सड़क पर ओवरफ्लो होता रहता है। हाल इतना बुरा है कि जरा सी बारिश होते ही ये पूरी रोड जलमग्न हो जाती है। जिसके चलते सड़क पर जगह-जगह गढ्डे हो गए हैं। वहीं, निगम की ओर से इस रास्ते की मरम्मत बी सही ढंग से नहीं कराई जाती। अभी हाल ही में सीएम के शहर आगमन पर जिम्मेदारों ने आनन-फानन में यहां गढ्डे तो भरवा दिए लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही रोड की पैचिंग उखड़ने लगी है।

मेडिकल कॉलेज रोड

डेली आने-जाने वालों की संख्या- 50 हजार से अधिक

दो साल पहले 2015 में जीडीए ने सात करोड़ रुपए की लागत से इस रोड का चौड़ीकरण कार्य किया। लेकिन बनने के छह माह बाद ही जगह-जगह पर रोड टूट गई। इसके बाद जीडीए ने मरम्मत कार्य कराया। लेकिन फिर सड़क पर गढ्डे बढ़ते गए। इसके बाद दोबारा जीडीए ने मरम्मत कराई लेकिन स्थिति फिर वही हो गई। मेडिकल रोड की इस बदहाली के पीछे भी नगर निगम की लापरवाही ही दोषी है। इस सड़क पर भी लीक करती पाइपलाइन और नालों की जल निकासी की खराब व्यवस्था के चलते रोड पर जगह-जगह पानी लगता ही रहता है। बरसात के सीजन में तो इस सड़क की हालत नाले जैसी हो जाती है। जिसके चलते सड़क टूटती ही जा रही है। वर्तमान स्थिति ये है कि इस सड़क पर असुरन चौक से लेकर एचएन सिंह चौराहा तक एक तरफ की आधी रोड तो लगभग गढ्डों में ही तब्दील हो गई है।

कोट्स

पानी तारकोल के चिपकने के गुण को समाप्त कर देता है और रोड टूटने लगती है। शहर की ज्यादातर सड़कों पर पाइपलाइन लीकेज और नाली का पानी फैलने के चलते ही यहां की सड़कें गढ्डों में तब्दील हो गई है।

विजय श्रीवास्तव, एचओडी, सिविल इंजीनियरिंग, बीआईटी गीडा

नगर निगम की लापरवाही के चलते शहर की सड़कें बदहाल हो गई है। नालियों का पानी रोड पर फैलता रहता है लेकिन जिम्मेदार इसके लिए कुछ नहीं करते।

- संजय यादव, टीचर

शहर की सड़कें नगर निगम की लापरवाही के चलते बर्बाद हो गई हैं। किसी सड़क की मरम्मत होती भी है तो कुछ ही दिनों में पानी लगने के चलते रोड टूट जाती है।

- जया फरमान, सोशल वर्कर