गोरखपुर (ब्यूरो)। नक्शा और अभिलेखों के सत्यापन के बाद भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम

बनाई जाएगी, जो भूमि पर कब्जा करने के साथ किसानों को निर्धारित मुआवजा देगी। दोनों जनपदों से लगभग 650 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिस पर करीब 80

किमी रेल लाइन बिछाई जाएगी। छोटे-बड़े कुल 12 स्टेशन बनेंगे।

कम हो जाएगी दूरी

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने से गोरखपुर के दक्षिणांचल और पूर्वांचल के लोगों में सुगम यात्रा की आस जग गई है। रेल लाइन बिछ जाने से गोरखपुर से वाराणसी की दूरी

कम हो जाएगी। गोरखपुर से दोहरीघाट होते हुए वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ के लिए भी ट्रेनें चलने लगेंगी। यह रेल लाइन सहजनवां में बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा मेन लाइन में

मिल जाएगी। दोहरीघाट से इंदारा होते हुए मऊ और वाराणसी रेलमार्ग से जुड़ जाएगी। पूर्वांचल में रेल लाइनों का जाल बिछ जाएगा, जो नया वैकल्पिक मार्ग तैयार करेगा। 17 दिसंबर

2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में सहजनवां- दोहरीघाट लगभग 80 किमी नई रेल लाइन को स्वीकृति मिली थी।

फाइनल लोकेशन सर्वे की प्रक्रिया भी शुरू

सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने फाइनल लोकेशन सर्वे की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए टेंडर भी जारी हो गए

हैं। सर्वे के दौरान निर्माण कार्यों में आने वाले खर्चों का भी आंकलन किया जाएगा। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सर्वे में प्राथमिक स्तर पर खर्चों का आंकलन किया जा चुका है।