गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गोयल की मानें तो सिटी के घंटाघर, आर्यनगर और गोलघर में 1500 रजिस्टर्ड और 5000 अनरजिस्टर्ड सराफा दुकानें है, जिसमें लगभग 75 दुकानें भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार चल रही हैं।

क्या है हॉलमार्क गोल्ड

सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग कहा जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, बीआईएस अधिनियम के तहत सोने के साथ ही साथ चांदी के ज्वेलरी की भी हॉलमार्किंग आवश्यक है। बीआईएस हॉलमार्क यह प्रमाणित करता है कि आभूषण या सोने का बार मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं को सोने की प्रमाणिकता और शुद्धता के बारे में आश्वासन मिलता है।

सिटी में हॉलमार्किंग सेंटर

- एबी हॉलमार्किंग सेंटर, हिंदी बाजार

- दीपिका हॉलमार्किंग सेंटर, हिंदी बाजार

- आशीर्वाद हॉलमार्किंग सेंटर, हिंदी बाजार

जांच भी करा सकेंगे ग्राहक

हॉलमार्क के दूसरे चरण में बीआईएस ने कुंदन, पोल्की और जड़ाऊ पर भी हॉलमार्किंग लागू करने की तैयारी की है। इस संबंध में कमेटी सदस्यों से सुझाव मांगे गए हैं। नई व्यवस्था के तहत टांके वाली ज्वेलरी की भी जांच हॉलमार्क सेंटर पर कराई जा सकती है।

यह जिले शामिल

गोरखपुर, कानपुर, आगरा, बरेली, प्रयागराज, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, मथुरा, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, वाराणसी, शाहजहांपुर।

बहुत अच्छा है कि पूरी तरह से गोरखपुर में हॉलमार्क ज्वेलरी ही बिकेगी। इससे कस्टमर्स को खरा सोना मिलेगा। दुकानदार के प्रति लोगों का और विश्वास बढ़ेगा। ऐश्प्रा में पूरी तरह हॉलमार्क ज्वेलरी मिलती है।

अतुल सराफ, डायरेक्टर, ऐश्प्रा ग्रुप

हम सभी सराफा व्यापारियों को अवेयर करते है कि आप लोग हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेचें। जो भी कारोबारी नियम का पालन नहीं करेंगा। उस पर सरकार कार्रवाई होगी। इसलिए सभी सराफा कारोबारियों से अनुरोध है कि आज से सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेचें।

पंकज गोयल, अध्यक्ष सराफा एसोसिएशन गोरखपुर