गोरखपुर (ब्यूरो)।घायल दोनों जवानों को गोरखनाथ मंदिर अस्पताल में एडमिट कराया गया। आरोपित को हिरासत में लेकर पुलिस जिला अस्पताल ले गई। उसकी पहचान सिटी मॉल के सामने अब्बासी नर्सिंग होम के बगल में रहने वाले एमए अब्बासी के बेटे अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई। मां-बाप का इकलौता बेटा मुर्तजा केमिकल इंजीनियर है। वह करीब डेढ़ साल से घर पर रह रहा था। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने घटना का जायजा लिया। डीआईजी जे। रविंद्र गौड़, एसएसपी डॉ। विपिन ताडा सहित अन्य अधिकारियों ने आरोपित और उसके परिजनों से पूछताछ की। पुलिस ऑफिसर्स, एटीएस सहित अन्य खुफिया एजेंसियां भी पड़ताल में जुटी हैं।

बांका लहराता रहा हमलावर

गेट पर सिक्योरिटी में 20वीं बटालियन पीएसी के जवान गोपाल गौड़ और अनिल पासवान की तैनाती थी। उसी समय एक युवक पहुंचा। उसने गोपाल गौड़ का असलहा छीनने का प्रयास किया। गोपाल कुछ समझ पाता। इसके पहले युवक ने कमर में खोंसा हुआ बांका निकालकर कांस्टेबल पर हमला कर दिया। हमला होते देखकर अनिल भी आ गया। गेट पर तैनात अन्य सुरक्षा कर्मचारी भी जुट गए। हमलावर युवक हाथ में बांका लहराता रहा। इस वजह से कोई भी उसके करीब नहीं जा रहा था। कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह से पुलिस ने आरोपित को पकड़ा।

परिजनों से घंटों पूछताछ

घटनास्थल के पास से कुछ ही देर बाद एक लैपटॉप बैग बरामद हुआ, जिसमें लैपटॉप रखा हुआ था। एक बांका भी बरामद किया गया। एसएसपी सहित अन्य अधिकारी आरोपित के घर पहुंचे। उसके परिजनों से पूछताछ शुरू कर दी गई। परिजनों ने बताया कि मुर्तजा ने मुंबई आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग की है। वह मां-बाप के साथ मुंबई ही रहता था। उसके पिता भी एक कंपनी में इंजीनियर रह चुके हैं। अक्टूबर 2020 में वह पिता संग गोरखपुर आया था। तभी से वह घर पर था।

शनिवार से निकला था बाहर

वह बेहद ही कम अपने कमरे से निकलता था। कुछ दिन पूर्व उसके पिता मुंबई गए थे। वह शनिवार को गोरखपुर आए। मुर्तजा की हरकत की जानकारी होने पर परिवार के लोग सन्न रह गए। लोगों ने बताया कि उसका मानसिक रोग का उपचार चल रहा था। वह अक्सर अकेले निकल जाता था। फिर लौटकर घर आ जाता था। शनिवार की रात से वह घर से निकला था। वह किन परिस्थितियों में मंदिर के पास पहुंचा। उसके पास हथियार कहां से आया। इसकी जानकारी परिजन नहीं दे पा रहे थे। हालांकि युवक के लापता होने की सूचना किसी ने पुलिस को नहीं दी। इस वजह से परिजनों की बात पर भरोसा करना मुश्किल था। देर रात तक पुलिस अधिकारी और एटीएस टीम मामले की जांच करती रही।

कड़ी मशक्कत के बाद किया काबू

हमलावर की हरकत देखकर गेट के भीतर मौजूद कैंपियरगंज थाने के सिपाही अनुराग राजपूत दौड़े। अनुराग के पास इंसास राइफल थी तो वे भिड़ नहीं पा रहे थे। फिर अनुराग असलहा रखकर लाठी लेकर आए और उससे आरोपित पर प्रहार किया लेकिन वह उनसे भी भिड़ गया। उनकी लाठी भी टूट गई। इसके बाद अनुराग दूसरा लाठी लेने चले गए। इस दौरान आरोपित लोगों को धारदार हथियार लेकर दौड़ाने लगा। अंत में अनुराग और अन्य सिपाही आए और उसे दौड़ाकर मजबूत लाठी से वार किया तो उसके हाथ से बांका छूटकर गिर गया। पकडऩे के बाद उसे पुलिस ने पीट भी दिया। सिर में चोट लगने पर मुर्तजा केा जिला अस्पताल ले जाया गया। अन्य दोनों सिपाहियों को भी एडमिट कराया गया।

हमले के बाद आधे घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।

पुलिस ने लोगों को संभालते हुए हालात सामान्य किए। सुरक्षा में मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने बताया कि यदि वह लोग जल्दबाजी में कोई कदम उठाते तो पब्लिक में भगदड़ मच जाती। इसलिए बड़ी ही सूझबूझ से मामले को हैंडल करना पड़ा। जांच के दौरान एक लैपटॉप बैग मिला जिसमें पैन कार्ड सहित कई दस्तावेज और बांका मिला। बैग में मिले लैपटॉप की जांच करके पुलिस युवक की नीयत के बारे में जानने की कोशिश कर रही है। हालांकि यह भी बात सामने आई कि हमले के दौरान मुर्तजा ने अल्लाह हू अकबर कहा। उसने यह भी कहा कि वह चाहता था कि पुलिस उसे गोली मार दे, लेकिन उसका मंसूबा कामयाब नहीं हुआ।

घटना की छानबीन की जा रही है। आरोपित और उसके परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है। वह किन परिस्थितियों में मंदिर गेट पर पहुंचा था। उसका क्या इरादा था। इस संबंध में जानकारी ली जा रही है।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी