गोरखपुर (ब्यूरो).पीएम मोदी उन्हीं के विचार, अंत्योदय की दिशा में कार्य कर रहे हैं। जरूरतमंदों को मकान दे रहे हैं जीवन दे रहे हैं। कुलाधिपति ने कहा कि इसे और सशक्त बनाने के लिए यूनिवर्सिटी को गांव तक जाना चाहिए। वहां, चर्चा करनी चाहिए और वहां लोगों को ट्रेनिंग देनी चाहिए। राज्यपाल ने 'विभिन्नता में एकताÓ प्रदर्शनी में यूनिवर्सिटी की छात्राओं की पारंपरिक वेशभूषा की सराहना की। उन्होंने क्षेत्रीय आहार प्रदर्शनी में पौष्टिक आहार के महत्त्व को रेखांकित करते हुए बताया कि पीएम ने वर्ष 2023 को मिलेट (बाजरा) उत्सव के रूप में मनाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने भी भारत में कृषि के महत्त्व को रेखांकित किया था। स्वस्थ और सशक्त भारत हेतु खान-पान में सकारात्मक बदलाव आवश्यक है।

पूरे विश्व की समस्याओं का समाधान

स्पेशल गेस्ट तेजस्विनी अनंत कुमार ने दीनदयाल को स्वतंत्र भारत का सबसे महान संत बताया। उन्होंने कहा कि वो राष्ट्र को राष्ट्रपुरुष मानते थे। उन्होंने कहा कि दीनदयाल के विचारों से सिर्फ भारत ही नहीं अपितु विश्व के सभी देशों के समस्याओं का समाधान सम्भव है। सभी को समान शिक्षा, समान स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की बात कही। जिसमें दीनदयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय की विचारधारा निहित है। सारस्वत अतिथि डॉ। बाल मुकुंद पांडेय ने कहा कि पंडित जी 1937 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ में सम्मिलित हुए। 1944 में ही वे संघ के प्रचारक बन गए। 1940 में ही उन्होंने प्रेस की स्थापना भी की, जिसकी दो पत्रिकाएं 'राष्ट्रधर्मÓ और 'स्वदेशÓ थीं। पंडित जी का रोम- रोम मातृभूमि के लिए समर्पित था। उन्होंने अपने विचारों से विश्व-बंधुत्व की भावना को मूर्त रूप देने का प्रयास किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो। दीपक त्यागी ने किया।