गोरखपुर ब्यूरो। जंगल सालिक राम, पादरी बाजार व्यास नगर निवासी जुगुल किशोर यादव (70) बीएसएनल से रिटायर हुए थे। भटोलिया टोला पादरी बाजार के शिव शंकर सिंह (65) की असुरन चौराहे के पास घड़ी की दुकान है। दोनों लोग रोजाना सुबह मार्निंग वॉक पर जाते थे। शनिवार सुबह टहलने निकले थे। पादरी बाजार - पिपराइच रोड पर टहलते हुए घर जा रहे थे। एक मैरिज हॉल के सामने पहुंचे थे कि पादरी बाजार से पिपराइच की तरफ से जा रही कार ने दोनों को रौंद दिया। आसपास के लोगों के शोर मचाने पर कार ड्राइवर कार छोड़कर भाग गया। गंभीर हाल जुगुल किशोर यादव और शिवशंकर सिंह को परिजन मेडिकल कॉलेज ले गए। वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

सड़क किनारे बालू-गिट्टी से हुआ हादसा

दुर्घटना से नाराज लोगों ने पुलिस को जमकर खरीखोटी सुनाई। लोगों ने आरोप लगाया कि गिट्टी-बालू का कारोबार करने वाले अपना सामान सड़क किनारे रखते हैं। खनन माफियाओं की ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़कों

के किनारे खड़ी होती है। इससे लोगों को पैदल चलने में काफी प्रॉब्लम होती है। आए दिन छोटे-छोटे एक्सीडेंट होते रहते थे। शनिवार को दो लोगों की जान चली गई। लोगों ने सड़क किनारे से अतिक्रमण

हटाने की मांग की है।

गीडा के आईजीएल में मजदूर की मौत, परिजनों ने किया प्रदर्शन

गीडा एरिया के आईजीएल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर राजकुमार गिरी (45) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। आक्रोशित लोगों ने गेट पर बॉडी रखकर प्रदर्शन किया। सहजनवां एसडीएम सुरेश राय ने

परिजनों से बात करके फैक्ट्री की तरफ से मदद का आश्वासन दिया। आईजीएल की तरफ से मजदूर की फैमिली को पांच लाख रुपए और राजकुमार के बेटे विशाल को नौकरी दी जाएगी। दाह संस्कार के

लिए भी आईजीएल ने 50 हजार रुपए की सहायता मुहैया कराई। परिजनों का आरोप है कि आईजीएल के अधिकारी अपने वादे से मुकर रहे थे। पीडि़त के घर पहुंचे भाजपा नेता प्रदीप शुक्ला, चेयरमैन

प्रतिनिधि सहजनवां नागेंद्र सिंह ने डीएम से बात करके परिवार को सहयोग करने की अनुरोध किया। इसके बाद बॉडी का दाह संस्कार हुआ। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से सैलरी के साथ अन्य भुगतान किया

जाएगा।

एक्सीडेंट में गई नेपाली नागरिक की जान

कैंट एरिया के मोहद्दीपुर में रेलवे स्टेडियम गेट के सामने शनिवार देर रात एक्सीडेंट में साइकिल सवार नेपाली नागरिक की जान चली गई। रेलवे पार्सल गेट के पास पान गुमटी लगाने वाले सुख बहादुर

सिंह उर्फ राजू रात में बारिश थमने के बाद घर लौट रहे थे। रास्ते में किसी व्हीकल ने उनकी साइकिल में टक्कर मार दी। दुर्घटना की सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन तब राजू की मौत हो चुकी थी।

काफी प्रयास के बाद राजू की पहचान हो सकी। उनके दो बेटे और एक बेटी है। वह करीब 20 साल से गोरखपुर में रहकर दुकान चलाते थे।