गोरखपुर (ब्यूरो)।सौम्या माथुर इससे पहले जयपुर की मंडल रेल प्रबंधक रह चुकीं है। वह 1987 बैच की भारतीय रेलवे लेखा सेवा की अधिकारी हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सोमवार को अपर सदस्य (वित्त) सौम्या माथुर का एनई रेलवे के जीएम पद पर नियुक्ति का अनुमोदन प्रदान किया। सौम्या माथुर की पहली नियुक्ति वड़ोदरा, पश्चिम रेलवे में हुई थी। इसके बाद पश्चिम, उत्तर एवं मध्य रेलवे पर लेखा विभाग के अनेक महत्वपूर्ण पदों के उत्तरदायित्वों का निर्वहन बखूबी किया। सौम्या माथुर ने अपर मंडल रेल प्रबंधक, पश्चिम रेलवे/मुंबई सेंट्रल, मंडल रेल प्रबंधक, उत्तर पश्चिम रेलवे/जयपुर, प्रधान वित्त सलाहकार/मेट्रो रेलवे/कोलकाता व प्रधान वित्त सलाहकार/दक्षिण पूर्व रेलवे/कोलकाता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कुशलतापूर्वक कार्य किया है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में मिली रेटिंग

मंडल रेल प्रबंधक/जयपुर के रूप में, सौम्या माथुर ने जयपुर स्टेशन को पूरी तरह से बदल दिया, जिसके परिणामस्वरूप जयपुर स्टेशन प्लैटिनम ग्रीन रेटिंग प्राप्त करने वाला पहला स्टेशन बना। उनके कार्यकाल के दौरान स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष रेटिंग प्राप्त हुई। उन्होंने गांधीनगर जयपुर को पूरी तरह से महिला मुख्य लाइन स्टेशन के रूप में भी सफलतापूर्वक संचालित कराया। रेलवे बोर्ड द्वारा बदलाव की पहल के लिए उन्हें बेस्ट चेंज एजेंट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन इनिशिएटिव का विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। सुश्री माथुर ने जेआईसीए (जापान), आईएनएसईएडी (सिंगापुर) एवं आईसीएलआईएफ (मलेशिया) में उच्च प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया है।

एक साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए रमण

वर्तमान जीएम चंद्रवीर रमण का तबादला रेलवे बोर्ड में बतौर ओएसडी किया है। रमण का एनई रेलवे में कार्यकाल शानदार रहा। उन्होंने गोरखपुर जंक्शन पुर्नविकास में काफी अहम योगदान निभाया। साथ ही एनई रेलवे को इस बार के बजट डेढ़ गुना बजट दिलाने में सफल रहे। चंद्रवीर रमण ने 7 नवंबर 2022 को पदभार संभाला था। एक साल का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इस बीच सीबीआई की छापेमारी, रेलवे बोर्ड विजिलेंस समेत रेलवे कर्मचारियों के पेंशन फंड आदि की समस्याओं को भी उन्होंने देखा।