- सिटी के पॉश एरियाज में फैला हुआ नशे का कारोबार, पुलिस चौकी से 500 मीटर की दूरी पर बिक रहा गांजा
- 'माल' यानी गांजा दिलाने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर को मेन अड्डे तक ले गया बिचौलिया
amarendra.pandey@inextco.in
GORAKHPUR: सिविल लाइंस सिटी का सबसे पॉश एरिया। तमाम सरकारी विभागों के ऑफिसेज के साथ-साथ तमाम अधिकारी भी यहीं बैठते हैं। लेकिन इन्हीं की नाक के नीचे बैठकर नशे के कारोबारी अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के स्टिंग में। नशे के कारोबारियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि यह सरेआम दावा करते हैं कि कितना माल चाहिए, चलो हम दिलाते हैं।
हमें मिल रही थी लगातार शिकायत
पिछले कुछ दिनों से दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के पास पब्लिक से लगातार शिकायतें आ रही थीं। एक जागरुक पाठक ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को फोन पर बताया कि सिविल लाइंस स्थित पीडब्लूडी ऑफिस के पास गांजे का धंधा होता है। यह भी जानकारी मिली कि यहां गांजा खरीदने के लिए एलीट क्लास फैमिली के युवा भी पहुंचते हैं। इस बात की तफ्तीश करने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम वहां पहुंची।
रिपोर्टर को मिला ऑफर
पीडब्लूडी ऑफिस के पास पहुंचकर रिपोर्टर ने खुद को नशेड़ी के तौर पर पेश किया और 'माल' की डिमांड की। इस पर वहां मौजूद एक ई-रिक्शा ड्राइवर बिचौलिए की भूमिका में आ गया। बोला, माल सप्लाई करने वाला आज नहीं आया है। लेकिन आपको कितना माल चाहिए, मैं दिला दूंगा।
(रिपोर्टर और बिचौलिए में बातचीत)
रिपोर्टर: अरे भाई, यहां माल (गांजा) मिलता है क्या? बड़ी तलब लगी है?
बिचौलिया: मिलता तो है, लेकिन जो देता है वो आया नहीं है आज।
रिपोर्टर: अरे यार, फिर कैसे मिलेगा?
बिचौलिया: आप परेशान क्यों होते हैं? कितना माल चाहिए, हम दिला देंगे?
रिपोर्टर: कहां मिलता है। मैं इस शहर में नया हूं।
बिचौलिया: आप मेरे साथ ई-रिक्शा में बैठिए। मैं वहां आपको ले चलता हूं।
भाड़ा नहीं, बस एक पुडि़या लेंगे
फोटो: रिपोर्टर की ड्राइवर के साथ जाते हुए।
इसके बाद रिपोर्टर ई-रिक्शा में बैठ जाता है। इस दौरान भी वह ड्राइवर से बातचीत करता रहता है।
रिपोर्टर: कितनी दूर है यहां से?
बिचौलिया: परेशान मत होइए। पीडब्लूडी ऑफिस से राजघाट कुल सात किलोमीटर है।
रिपोर्टर: वहां तक चलने के लिए कितना भाड़ा लेंगे आप?
बिचौलिया: देखिए, भाड़ा मत दीजिएगा। बस एक पुडि़या गांजा मुझे भी दे दीजिएगा।
रिपोर्टर: ठीक है, ले चलो।
बिचौलिया: आप लोग पीछे वाले सीट पर बैठ जाइए।
रिपोर्टर: वैसे कितने में देगा?
बिचौलिया: सौ रुपए की एक पुडि़या मिलेगी।
रिपोर्टर: ठीक है, दो पुडि़या मुझे चाहिए। एक पुडि़या आप ले लीजिएगा।
बिचौलिया: ठीक है।
फोटो: महिला के दुकान की
पहुंच गए ठिकाने पर
ई रिक्शा ड्राइवर यूनिवर्सिटी चौराहा होते हुए पैडलेगंज चौराहा, रूस्तमपुर ढाला होते हुए सीधे राजघाट पुल के पास (जहां अवैध नशा का ठिकाना था) पहुंच गया।
-राजघाट पुल के पास स्थित ठिकाने यहां का नजारा और शॉकिंग था।
-यहां पर एक महिला नशे के पूरे कारोबार की डीलिंग कर रही थी।
-वहां पहुंचने पर आगे-आगे ई-रिक्शा ड्राइवर महिला की दुकान में घूसा।
-थोड़े अंतराल पर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर और फोटोग्राफर भी पहुंचा।
फोटो: ई-रिक्शा की
'माल' मिल गया है, लेकिन देंगे वहीं
-पीले रंग की साड़ी पहले उस महिला से ई-रिक्शा ड्राइवर ने कुछ बात की।
-इसके बाद उस महिला ने एक झोले से निकालकर तीन पुडि़या गांजा दिया और बदले में तीन सौ रुपए ले लिए।
-ई-रिक्शा वाले ने वहां से निकलते वक्त रिपोर्टर से बताया कि माल मिल गया है।
-लेकिन यहां देना सेफ नहीं रहेगा। यहां पुलिस का छापा पड़ता रहता है। अब पीडब्लूडी के पास ही देंगे।
और लग गई भीड़
ई-रिक्शा अलहदादपुर, बेतियाहाता चौराहा, हरिओम नगर होते हुए वापस पीडब्लूडी ऑफिस के पास पहुंच चुका था। जैसे ही गांजा लेकर ई-रिक्शा ड्राइवर पहुंचा, वहां जमावड़ा लग गया। कई अन्य ऑटो रिक्शा ड्राइवर समेत कुछ अन्य युवक नशा करने पहुंच गए।
सिटी में यहां फैला है कारोबार
-रेलवे स्टेशन रोड
-पीडब्लूडी रोड, सिविल लाइंस
-धर्मशाला चौराहा
-राजघाट चौराहा
सिर्फ 500 मीटर दूर है राजघाट पुलिस चौकी
इस मामले में सबसे शॉकिंग पहलू यह है कि जहां पर गांजा बिक रहा था, राजघाट पुलिस चौकी वहां से सिर्फ 500 मीटर दूर है। ऐसे में पुलिस को नशे के इस कारोबार की भनक न लगना अपने आप में कई गंभीर सवाल करता है। वहीं पीडब्ल्यूडी ऑफिस भी काफी पॉश एरिया है। गौरतलब है कि राजघाट अवैध नशा कारोबारियों का वह मुख्य अड्डा है। यह गांजा और स्मैक का मुख्य सप्लाई केंद्र माना जाता है।
बॉक्स
नेपाल और बिहार से आता है माल
-पीडब्ल्यूडी ऑफिस और राजघाट के बीच सफर के दौरान ई-रिक्शा ड्राइवर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
-उसने बताया कि पीली साड़ी वाली वह महिला गांजा के साथ स्मैक भी रखती है।
-रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने पर सिटी में माल आता कहां से है तो उसने बताया कि यह नेपाल और बिहार से आता है।
-उसने यह भी बताया कि बिहार वाला माल एक नंबर का होता है, जिसकी डिमांड ज्यादा होती है।
वर्जन
के विजयेंद्र पांडियन, डीएम