- डीडीयूजीयू एडी बिल्िडग में समस्या लेकर आने वाले स्टूडेंट्स को लगाने पड़ते हे चक्कर

- स्टूडेंट्स ने कहा नहीं होती है सुनवाई

केस वन

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एजुकेशन डिपार्टमेंट से रिसर्च कर रहीं रेनू सिंह अक्टूबर में कोविड पाजिटिव हो गईं। उनको 15 नवंबर तक अपनी थेसिस जमा करनी थी, लेकिन कोविड की वजह से ऐसा न कर सकीं। अब उन्होंने इसे सबमिट करने के लिए वीसी ऑफिस में 9 जनवरी 2021 को प्रार्थना पत्र जमा किया है। उन्हें क्या करना है, इसके बारे में अब तक उन्हें जानकारी नहीं हो सकी है। अप्लीकेशन फाइल वीसी, रजिस्ट्रार और शोध अनुभाग के चक्कर काट रही है, लेकिन इस संबंध में कोई फैसला नहीं हो सका है।

केस टू

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड इंदिरा गांधी ग‌र्ल्स कॉलेज में बीएड फाइनल कर चुकी अनुराधा का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ। उन्हें नंबर कम लगे, तो आरटीआई के जरिए कॉपी देखी। पता चला कि जनसंख्या शिक्षा और पर्यावरण शिक्षा विषय के मूल्यांकन के दौरान प्रश्न संख्या 8 का उत्तर लिखने के बाद भी उन्हें अंक नहीं दिया गया। इसके अलावा प्रश्न 9 (ए) के अंक में साढ़े छह अंक में आधा अंक भी नहीं चढ़ाया गया। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक ऑफिस में 5 जनवरी 2021 को आवेदन किया। वहां से प्रॉसेस होकर वीसी ऑफिस में अनुमोदन के लिए गया है। लेकिन एक महीना बीत चुका है, लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

यह दो केस बानगी भर है। ऐसे दर्जनों मामले हैं, जिसकी फाइल वीसी ऑफिस पहुंचकर वहां की घुटन से निकलने का इंतजार कर रही हैं। इनमें ऐसी फाइलें हैं जो शैक्षणिक व शैक्षिक कार्य से जुड़ी हुई हैं, लेकिन गोरखपुर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार स्टूडेंट्स का कॅरियर छोड़ अपनी वाहवाही के लिए तमाम सेमीनार और कार्यक्रम कराने में व्यस्त हैं। जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एडी बिल्िडग में पहुंचा तो आधा दर्जन स्टूडेंट्स विभिन्न विभागों में अपने कार्य के लिए चक्कर लगाते हुए नजर आए। परीक्षा सामान्य विभाग में धर्मेद्र ने बताया कि उनके बेटे की मार्कशीट में विथ हेल्ड लगा हुआ है। उसके करेक्शन के लिए वह कई दिनों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। कई बार वे वीसी के पास शिकायत के लिए जाने का प्रयास किए, लेकिन वीसी से मिलने नहीं दिया गया।

कर्मचारी भी लगाते हैं चक्कर

वीसी आफिस में तैनात कर्मचारियों ने दबी जुबान बताया कि शैक्षणिक कार्य के लिए जितने भी मामले वीसी आफिस में पहुंचते हैं। वह सेम डेट में निस्तारित होकर नहीं आते हैं। उसके लिए कई दफा चक्कर लगाना मजबूरी हो जाती है। परीक्षा नियंत्रक ऑफिस में स्टूडेंट्स की मार्कशीट से जुड़े कई मामले सिर्फ इसलिए पेंडिंग है, क्योंकि इन मामलों में वीसी की परमिशन का इंतजार है। इसका निस्तारण अभी तक नहीं हो सका है।

एडी बिल्िडग में होने वाले संबंधित विभागों में कार्य

- लेखा विभाग

- स्टेशनरी विभाग

- परीक्षा सामान्य विभाग

- इंजीनियरिंग विभाग

- संबद्धता विभाग

- समिति अनुभाग

- यूजीसी अनुभाग

- शोध अनुभाग

- परीक्षा गोपनीय

- अभिलेख कक्ष

- नामांकन विभाग

- संपत्ति कार्यालय

मेरे स्तर से कोई भी फाइल पेंडिंग नहीं है। जितनी भी फाइलें थी, उन सभी का निस्तारण कर दिया गया है। रिसर्च स्कॉलर के मामले में जो भी यूजीसी की गाइडलाइन है। उसी के अकार्डिग शार्ट आउट किए जाएंगे।

- प्रो। राजेश कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू