गोरखपुर (ब्यूरो)।परिवार और कर्ज से परेशान दंपति के अर्धनग्न हालत में शुक्रवार सुबह घर पर शव मिले, जिसे देखकर इलाके के लोग हैरत में पड़ गए। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ताल करने के बाद बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पूजा-पाठ और ऑटो चलाता था विवेकानंद
जानकारी के अनुसार महराजगंज के सिंदुरिया निवासी 30 वर्षीय विवेकानंद दुबे अपनी पत्नी माधुरी (26) के साथ जंगल धूसड़ के भट्ठा कॉलोनी में संजय निषाद के मकान में रहते थे। संजय ने बताया कि उन दोनों ने 25 नवंबर को किराये पर कमरा लिया था। किराये का पैसा उन्होंने एक हफ्ते बाद देने को कहा था। विवेकानंद पूजा-पाठ और ऑटो रिक्शा चलाकर अपना जीवन-यापन करता था।


बगल की महिला ने दी पुलिस को सूचना
शुक्रवार सुबह एक व्यक्ति को ऑटो बुक कर कहीं जाना था। वह विवेकानंद के घर जाकर आवाज लगाने लगा। कोई रिस्पांस न मिलने पर पड़ोसियों को बताया। अंत मे पड़ोस की एक महिला ने उसकी पत्नी को आवाज लगाई। कोई जवाब न मिलने पर कमरे के अंदर जाकर देखा तो वह बिस्तर पर पड़ी थी। उसे हिलाया तो पता चला कि वह मर चुकी है। वहीं, विवेकानंद का शव कमरे से बाहर मिला, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
डायरी में लिखी थी दर्द भरी बातें
पुलिस को मौके से श्रम कार्ड और आधार कार्ड मिला है, जिसमें दोनों की पहचान हुई। पुलिस को कमरे से दो मोबाइल, सल्फास का खाली पैकेट और एक डायरी मिली है। डायरी में पारिवारिक विवाद की बात लिखी है। दोनों के हाथ पर आनंद और माधुरी लिखा था। बताया जा रहा है कि उसकी एक बहन भी उनके साथ रहती थी, जो डिप्लोमा कर रही है। वह भी पिछले तीन-चार दिन से नहीं दिख रही थी।
कर्ज से थे परेशान, घर से भी थे उपेक्षित
Suicide Place

घर से नाराज होकर विवेकानंद पत्नी के साथ गोरखपुर में रहने लगा। विवेकानंद घर खर्च निकालने के लिए पूजा पाठ कराने लगा। आर्थिक रूप से खुद को मजबूत बनाने के लिए उसने फाइनेंस कंपनी से लोन लेकर एक ऑटो लिया। कुछ साल तो समय पर ऑटो का लोन जमा होता रहा। बताया जा रहा है कि किराये के कमरे में रहने वाले विवेकानंद पर धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढऩे लगा, जिसको लेकर घर में कहासुनी होती थी। इसके बाद विवेकानंद ने पत्नी के साथ 8 दिसंबर की देर रात सल्फास खाकर जान दे दी। पिपराइच थाना प्रभारी सूरज सिंह ने बताया कि मौके पर सुसाइड नोट और सल्फास का पैकेट मिला है। सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके घर वाले उन्हें मानते नही थे। वह आर्थिक तंगी से परेशान थे। मामले की जांच की जा रही है।
एक नजर में सुसाइड घटनाएं
पिता संग फंदे से झूल गई दो बेटियां
15 नवंबर को शाहपुर के घोषीपुरवा में एक घर में पिता और दो नाबालिग बेटियों की फंदे से लटकी लाश मिली थीं। आर्थिक तंगी और कर्जदारों से परेशान होकर जितेन्द्र श्रीवास्तव ने अपनी दो बेटियों मान्या और मानवी के साथ सुसाइड कर लिया था।
मां-बेटे ने खाया जहर
15 नवंबर को गोरखनाथ एरिया के जनप्रिय विहार कॉलोनी में एक महिला ने अपने बेटे के साथ जहर खाकर जान दे दी। कर्ज से परेशान 55 साल की सरोज देवी ने अपने छोटे बेटे मनीष राव के साथ जहर खा लिया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां पर मां बेटे की मौत हो गई।
आज कल अवसाद, आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह में लोग सुसाइड कर ले रहे हैं। लोगों के अंदर पेशेंस की बहुत कमी आई है। लोग अपनी बातें किसी से शेयर नहीं कर रहे हैं। इस वजह से ऐसी घटनाएं भी बढ़ रही हैं। जब गुस्सा आए या सुसाइड का विचार आए तो फौरन अपने किसी क्लोज फ्रेंड से अपनी बातें शेयर करें या मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
डॉ। श्वेता जानसन, साइकोलॉजिस्ट, सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज