गोरखपुर (ब्यूरो)।हालांकि, इस मसले पर प्रमुख सचिव खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उधर, जिन इलाके में सर्वे हुआ है। इन रूटों पर रोडवेज की छोटी-बड़ी बसें चलेंगी। वहां के लोग बस संचालित होने की राह तक रहे हैं।

4593 गावों में साधन नहीं

गोरखपुर रीजन में करीब 650 रोडवेज की बसें संचालित है। वहीं प्रदेश के 4593 गांवों में आवागमन का साधन नहीं है। सीएम के निर्देश पर शासन ने प्रत्येक गांव तक रोडवेज की बस संचालित करने की स्कीम तैयार की, ताकि पिछड़े एरिया के लोगों को भी शहर आने-जाने में कोई प्रॉब्लम न हो। इसके लिए रोडवेज और आरटीओ की संयुक्त टीम ने इलाके का सर्वे कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी। अन्य 11 रूटों पर 26 से अधिकतम 40 सीटर बसें ही चलाई जानी है। रोडवेज प्रशासन का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट पहले ही भेज दी गई है। शासन की अनुमति के बाद रूटों पर बसें संचालित की जाएंगी।

इन रूटों का हो चुका है सर्वे

- मोतीराम अड्डा- झंगहा-राजधानी, फुटहवा- तरकुलहा, फुटहवा-सरदारनगर-सोनबरसा, सोनबरसा-पिपराइच, पिपराइच-हाटा, कुसम्ही-पिपराइच, पिपराइच-बैलो-भटहट, कैंपियरगंज-मछलीगांव-खजुरिया, पीपीगंज-बढय़ा चौक, कौडिय़ा-जगतबेला, सहजनवा-बोक्टा-खजनी और रानीडीहा-मिर्जापुर आदि रूटों का सर्वे हो चुका है।

शासन के दिशा-निर्देश पर जनपद के रूरल एरिया का सर्वे का पूरा कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। प्रमुख सचिव इसकी खुद मानिटरिंग कर रहे हैं। शासन के आदेश का इंतजार है।

संजीव यादव, एसएम गोरखपुर रीजन