-तहरीर बदलवाने में मशगूल रहे दीवान, हो गई हत्या

-घटना की सूचना पर मौजूद रहती फोर्स तो बच जाती जान

महुआ का पेड़ बेचने के विवाद में भाइयों के बीच हुई मारपीट में पुलिस मौके पर मौजूद रहती तो डबल मर्डर के टलने की संभावना थी। मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थानों पर बुला लिया। ऑफिस में मौजूद दीवान तहरीर बदलवाने की कोशिश में लगे रहे। मामले को देखते हुए गांव में सिपाहियों को भेजने की जहमत नहीं उठाई। दोनों पक्षों के पुलिस हिरासत में मौजूद होने के बावजूद मां-बेटे का मर्डर हो गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने सोमवार को गगहा इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह, हल्का इंचार्ज कल्पनाथ सिंह और बीट के हेड कांस्टेबल प्रमोद सिंह को सस्पेंड कर दिया। तीनों पर आरोप है कि बीट सिपाही, हल्का दरोगा के साथ ही इंस्पेक्टर ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। तत्काल मौके पर फोर्स नहीं भेजी गई। इस वजह से छोटी सी घटना में बड़ी वारदात हो गई। गगहा डबल मर्डर को लेकर डीआईजी राजेश मोदक ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी एसएसपी को दिया।

मौके पर लगेगी पिकेट, शांति व्यवस्था पर रहेगी नजर

गगहा में मां-बेटे के मर्डर के बाद एसएसपी ने इस तरह की घटनाओं पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। एसएसपी ने कहा है कि किसी भी जगह से मारपीट की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई होगी। मौके पर पुलिस की पिकेट तब तक लगी रहेगी जब तक शांति व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाती है। इसलिए हर छोटी- बड़ी घटना की सूचना पर पुलिस टीम पहुंचेगी। उसके निस्तारण होने तक पिकेट लगाकर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। रविवार को गगहा, पोखरी दुबे टोला में अरविंद की पत्नी हेमलता ओर उनके बेटे हर्ष को रिश्तेदारों ने मार डाला। मारपीट की सूचना पर पहुंचे रिश्तेदारों ने धावा बोलकर हमला कर दिया था। इससे पहले सुबह महुआ का पेड़ बेचने को लेकर अरविंद और उनके भाई राजेश के बीच विवाद हुआ। मारपीट होने पर दोनों पक्ष थाने पहुंच गए। पुलिस ने दोनों की तरफ से एनसीआर दर्ज करके डॉक्टरी मुलाहिजा के लिए भेज दिया। लेकिन इस प्रकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। मौके पर कोई कांस्टेबल तक नहीं पहुंचा। घंटों अरविंद और उनके बेटे उत्कर्ष को थाने पर बिठाए रखा। राजेश की पत्‍‌नी ने अपने मायके के लोगों को सूचना दी। बांसगांव में रहने वाले रिश्तेदार पहुंचे तो अरविंद के बेटे हर्ष और उसकी मां को मार डाला।

जेल भेजे गए आरोपित, पुलिस हुआ तैनात

डबल मर्डर के आरोप में अरेस्ट महिला सहित आठ आरोपियों को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर सभी को जेल भेज दिया गया। घटना के बाद राजेश के परिवार में राघवेंद्र की पत्‍‌नी अकेली बची है। सोमवार को उसने अचानक अपने आप को कमरे में कैद कर लिया। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने दरवाजा खुलवाया। उसकी सुरक्षा में महिला कांस्टेबल को तैनात किया गया है। गांव के माहौल को देखते हुए पीएसी लगाई गई है।

मां-बेटे की डेड बॉडी पहुंची, सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार

डबल मर्डर से गांव में सन्नाटा पसरा रहा। सोमवार की शाम मां-बेटे की डेड बॉडी गांव में पहुंचीं। विधि विधान से परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार कराया। लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब 20 साल पूर्व राजेश की पत्‍‌नी की बीमारी से मौत हो गई थी। तब राजेश का बेटा अंबुज महज छह साल का था। मां की मौत होने पर हेमलता ने अंबुज को अपना दूध पिलाकर पाला-पोसा। बाद में राजेश ने दूसरी शादी कर ली। लेकिन जिस अंबुल को हेमलता ने दूध पिलाकर बड़ा किया था। उसने ही अपने रिश्तेदारों संग मिलकर हेमलता और उनके बेटे की हत्या कर दी। लोगों ने कहा कि सगे भाइयों और भतीजों के बीच बात इतनी बिगड़ जाएगी। इस बात की कल्पना किसी ने नहीं की थी।

वर्जन

घोर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता बरतने के आरोप में एसएचओ, हलका इंचार्ज और बीट कांस्टेबल को संस्पेंड किया गया है। यह भी निर्देश दिया गया है कि ऐसी किसी घटना की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पुलिस पहुंचे। शांति व्यवस्था बहाल होने तक पुलिस पिकेट भी लगाई जाएगी।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी