(शिशिर मिश्र)। आज हम आपको गोरखपुर और गोरखपुर के आसपास व नेपाल तक फैले उन टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बता रहे हैं, जहां आप घूमने जा सकते हैं।

गोरक्षनाथ मंदिर

बाबा गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर की पहचान गोरखनाथ मंदिर से है, जो नाथ पंथ का मुख्यालय भी है। नाथ योगी सम्प्रदाय के महान प्रवर्तक ने अपनी अलौकिक आध्यात्मिक गरिमा से इस स्थान को पवित्र किया था, अत: योगेश्वर गोरखनाथ के पुण्य स्थल के कारण इस स्थान का नाम 'गोरखपुरÓ पड़ा। मकर संक्रांति के समय यहां दूर-दूर से लोग खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं। रात के समय यहां का दृश्य देखते ही बनता है। मंदिर में सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक घूम सकते हैं।

नौकायन

नौकायन रामगढ़ झील के किनारे बना एक टूरिस्ट स्पॉट है, जो गोरखपुर रेलवे स्टेशन से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर है। पूर्वांचल का मरीन ड्राइव कहे जाने वाले इस झील की सुंदरता देखने के लिए डेली हजारों लोग आते हैं। यहां का लाइट एंड साउंड काफी फेमस है जो शाम के 6:30 से शुरू हो जाता है। इसके साथ ही यहां बोटिंग के लिए तरह-तरह की बोट उपलब्ध हैं। पार्टी करने वाले लोगों के लिए क्रूज की भी व्यवस्था है। यहां पर घूमने की टाइमिंग सुबह होने के साथ ही रात के 11 बजे तक है और यह पिकनिक स्पॉट बिल्कुल फ्री ऑफ कास्ट है।

गोरखपुर जू

रामगढ़ ताल के किनारे पर बना शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान यानि 'गोरखपुर जूÓ गोरखपुराइट्स के लिए महत्वपूर्ण पिकनिक स्पॉट है। 121 एकड़ में फैले इस चिडिय़ाघर में डेली सैकड़ों लोग फैमिली के साथ घूमने के लिए आते हैं। यहां पर आपको शेर, बाघ, तेंदुआ, गेंडा, जेब्रा, दरियाई घोडा, भालू और बंदर की अलग अलग प्रजातियां, हिरन, मगरमच्छ , लकडबग्गा, भेडिय़ा , मछली, तितली, सांप आदि के साथ ही और भी कई तरह के पशु-पक्षी देखने को मिल जाते हैं।

टाइमिंग: सुबह 10 से शाम 4:30 बजे तक (मंडे क्लोज)

एंट्री फीस: 50 रुपए

विनोद वन

कुसमी जंगल में 'बुढिय़ा माईÓ मंदिर के पास बना विनोद वन पहले गोरखपुर का मिनी 'जूÓ हुआ करता था। मगर अब यह केवल एक पार्क है जो कि दो हेक्टेयर में फैला हुआ है। जंगल के बीच में होने की वजह से यहां काफी शांति रहती है।

टाइमिंग: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, एंटी फ्री है।

गीता प्रेस

हिंदू धार्मिक पुस्तकों के साथ-साथ 'गीता प्रेसÓ गोरखपुर की भी पहचान है। यह विश्व में सर्वाधिक हिंदु धार्मिक पुस्तकें छापने वाली संस्था है। यहां पर हर तरह के हिंदु ग्रंथ मौजूद हैं। यहां के लीला चित्र मंदिर में बीके मित्रा, जगन्नाथ और भगवानदास की बनाई हुई सैकडों चित्र सुरक्षित हैं। इस मंदिर की दीवारों पर श्रीमद्वागवत गीता के 18 अध्याय संगमरमर पर लिखे हुए हैं। साथ ही देवी-देवताओं के 700 से अधिक चित्र हैं। यहां पर घूमने के लिए आप सुबह 9 बजे से शाम के 5:30 बजे तक आ सकते हैं।

रेल म्यूजियम

एनई रेलवे प्रशासन ने रेल विरासत के महत्व की सामग्रियों को संरक्षित करने तथा धरोहरों को आने वाली पीढ़ी से अवगत कराने के लिए 2005 में शहर के बीचों-बीच रेल म्यूजियम की स्थापना की। इस म्यूजियम में एनई रेलवे का पहला इंजन 'लार्ड लारेंसÓ और 'नैरो गेज डीजल इंजनÓ पब्लिक के लिए आर्कषण का केंद्र है।

टाइमिंग: दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक। (मंडे क्लोज)

एंट्री फीस: 20 रुपए

राजकीय बौद्ध संग्रहालय

रामगढ़ताल से सटे बौद्ध संग्रहालय की स्थापना 23 अप्रैल 1987 को हुई थी। इसकी पहचान मृण मूर्तियों के संग्रह के लिए है। साथ ही प्रस्तर मूर्तियां, सिक्के, पांडुलिपियां, लघुचित्र, आभूषण और ताड़पत्रों का संग्रह भी प्रचुर मात्रा में है।

टाइमिंग: सुबह 10:30 से शाम 4:30 बजे तक। (मंडे क्लोज)

एंट्री फीस: 10 रुपए

कुशीनगर

यह एक बौद्ध तीर्थस्थल है। जहां गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यह एनएच 28 पर गोरखपुर से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां अनेक बौद्ध मन्दिर हैं, जिसे देखने के लिए इंटरनेशनल टूरिस्ट भी आते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर यहां एक माह का मेला लगता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लोग आकर दर्शन करते हैं और पिकनिक के शौकीन लोगों लिए यह एक बेस्ट ऑप्शन है।

मगहर

संत कबीर नगर जि़ले में स्थित 'मगहरÓ को कबीरदास के समाधि स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इसके साथ ही यह हिंदू-मुस्लिम एकता का भी प्रतीक है क्योंकि यहां पर कबीरदास की अगल-बगल में मजार और समाधि है। कबीर के धर्म और जाति का कोई प्रमाण ना होने की वजह से उन्हें दोनों धर्म के लोग अपने-अपने तरीके से याद करते है। इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट साबित हो सकता है।

पोखरा (नेपाल)

यदि आप कम खर्चे में विदेश घूमना चाहते हैं तो नेपाल आपके लिए बेस्ट जगह है। यह एक बहुत ही मनोरम स्थल है यहां से अरावली की पहाडिय़ां दिखाई देती हैं। सफेद चादर से ढका हुआ हिमालय पहाड़ के बीच से होते हुए सूर्योदय देखना बहुत ही खुशनुमा अहसास देता है। इसके अतिरिक्त आप यहां फेवा झील, अन्नपूर्णा सर्किट, शांति स्तूप, इंटरनेशनल माउनटेन म्यूजिय़म तथा ताल बराही मंदिर का भी आनंद ले सकते हैं।

5 साल में गोरखपुर आए टूरिस्ट

सन - इंडियन - फॉरेन - टोटल

2016 - 23,46,121- 35,638 - 23,81,759

2017 - 24,05,705 - 36,249 - 24,41,949

2018 - 27,53,546 - 38,715 - 27,92,261

2019 - 30,09,033 - 42,010 - 30,51,043

2020 - 14,68,390 - 8,909 - 14,77,299

2021 - 9,41,647 - 1,378 - 9,43,025