गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में इन दिनों ट्रांसफर प्रक्रिया की बाढ़ सी आ गई है। पुलिस, शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ सहित सभी जगह ट्रांसफर की प्रक्रिया तेजी पकड़े हुए है। इस बीच शिक्षा निदेशालय स्तर से शिक्षणेत्तर कर्मियों का बड़े पैमाने पर तबादला सूची जारी किया गया है। इस सूची में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय के छह और जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के नौ बाबुओं समेत बीएसए, जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान और एडी बेसिक कार्यालय के बाबुओं का ट्रांसफर कर दिया गया है। आरोप है कि ट्रांसफर में शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं हैं।

धन उगाही का लगाया आरोप

यूपी एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री राजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि निदेशालय स्तर से धन उगाही कर ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया है। ट्रांसफर में जनपदीय, मंडलीय पदाधिकारियों, जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति दो वर्ष से कम है, विकलांग एवं आशक्त कर्मचारियों का भी नाम शामिल है। जबकि इनकों लेकर शासन ने ट्रांसफर नीति जारी कर रखी है।

जनपद से बाहर किया तबादला

आरोप है कि जनपद में पद रिक्त होने के बावजूद जनपद से बाहर ट्रांसफर किया गया है, जिससे की उनसे धन उगाही की जा सके। पांच वर्ष से अधिक ठहराव के कई कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश निर्गत ही नहीं किए गए हैं। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री समेत अन्य उच्चाधिकारियों को अपना प्रार्थना पत्र भेज कर वर्ष 2022-23 में किए गए समस्त ट्रांसफर की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वह धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर जाने को बाध्य हो जाएंगे।