गोरखपुर (ब्यूरो)। इस बीच मौसम के बदलने से पेशेंट्स की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में ट्रांसफर हो चुके डॉक्टर यदि रिलीव कर दिए जाते हैं तो अस्पतालों के इंतजाम बिगड़ेंगे और पेशेंट्स की फजीहत होगी।

ओपीडी में रोज आते सैकड़ों पेशेंट

जिला अस्पताल गोरखपुर में इलाज कराने के लिए डेली हजारों की संख्या में पेशेंट आते हैं। सोमवार को भी ओपीडी में 2013 पेशेंट पहुंचे। जिन डॉक्टर्स का ट्रांसफर हुआ है। उसके बाद से इस भीड़ को संभालना काफी मुश्किल होगा। हॉस्पिटल में तैनात फिजिशियन डॉ। बीके सुमन का तबादला हो गया है। इनके जाने के बाद नार्मल पेशेेंट्स की भीड़ को देखने के लिए सिर्फ एक ही डॉक्टर रहेंगे। पीडियाट्रिक वार्ड में ताला लगने की नौबत आ गई है। यहां के तीनों बाल रोग विशेषज्ञ का तबादला अन्य जिले के लिए हो गया है।

एक नजर में ओपीडी पेशेंट

डेट पेशेंट

4 जुलाई 2013

2 जुलाई 1207

1 जुलाई 1423

30 जून 1463

29 जून 1563

28 जून 1698

27 जून 1589

इन डॉक्टर्स का हुआ ट्रांसफर

- डॉ। जेएसपी सिंह, एसआईसी

- डॉ। बीके सुमन, फिजिशियन

- डॉ। एसके यादव, ब्लड बैंक प्रभारी

- डॉ। गणेश गौरव, बाल रोग विषेशज्ञ

- डॉ। अरविंद उपाध्याय, बाल रोग विषेशज्ञ

- डॉ। वीके प्रजापति, पैथोलॉजी

- डॉ। राकेश कुमार, आर्थोपेडिक्स

- डॉ। वीपी सिंह, आर्थोपेडिक्स

बढ़ रहे कोरोना और वायरल फीवर के मरीज

गोरखपुर में इस समय कोरोना के साथ ही वायरल फीवर के पेशेंट्स की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। मौजूदा समय में कोविड पेशेंट्स की संख्या 100 के पार हो गई है। वहीं, इसके साथ ही रोज वायरल फीवर के सैकड़ों मरीज जिला अस्पताल और बीआरडी पहुंच रहे है। ऐसे में इन डॉक्टर्स के जाने के बाद पेशेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

कंफ्यूजन में दिखे पेशेंट्स

डॉक्टर्स के ट्रांसफर की खबर सुनने के बाद पेशेंट्स कंफ्यूजन में हैं। उनके मन में यह संदेह है कि हॉस्पिटल पहुंचने के बाद डॉक्टर मिलेंगे या नहीं। जिला अस्पताल में दिखाने के लिए पेशेंट्स काफी दूर-दराज से आते हैं। इसके साथ ही जल्दी नंबर आ जाए इसके लिए बिल्कुल सुबह ही आकर लाइन में खड़े हो जाते हैं।

मैं यहां पर मेडिकल फिटनेस बनवाने के लिए आया था। आने के बाद यहां पर कोई डॉक्टर ही अवेलेबल नहीं है और ना ही कूपन मिल रहा है। अब इस स्थिति में आम आदमी कहां जाए।

शरीम अमीन अंसारी, नखास

सुबह से ही आकर लाइन में लगे हैं। मगर कुछ पता नहीं है कि डॉक्टर आएंगे या नहीं। समाचारों के माध्यम से पता चला कि डॉक्टर्स का ट्रांसफर हो गया है। प्राइवेट में देने के लिए फीस नहीं है इसीलिए यहां इंतजार कर रहे हैं।

सत्येंद्र शाह, रानीडीहा

प्रतिदिन ओपीडी में नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर्स का तबादला होने की वजह से इलाज पर संकट गहरा गया है। शासन का आदेश आते ही या रिलीवर आते ही इनको रिलीव कर दिया जाएगा।

डॉ। जेएसपी सिंह, एसआईसी जिला अस्पताल