- गांव के आधा दर्जन अधिक बच्चे अब भी बीमारी की चपेट में, एक का मेडिकल कॉलेज में चल रहा है इलाज

- 55 वर्ष के राम आशीष और डेढ़ वर्ष के बच्चे की हो चुकी है मौत

GORAKHPUR : खजनी तहसील के नगवा गांव में इन दिनों बीमारी से आतंक फैला हुआ है। उल्टी-दस्त की वजह से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मरने वालों मेंएक 55 वर्षीय बुजुर्ग शिव प्रसाद चौहान और दूसरा डेढ़ वर्ष का बच्चा अमित शामिल है। संक्रामक रोग से पीडि़त गांव निवासी बेचन प्रजापति की किशोर बिटिया का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

15 दिन पहले से बढ़ी प्रॉब्लम

गांव के रहने वाले शिव प्रसाद चौहान को उल्टी दस्त शुरू हुआ। उन्होंने दवाई ली, लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। परिवार के लोग अभी दाह संस्कार करके घर लौटे थे कि घर के पांच बच्चे सोनी 11 वर्ष, मोनी नौ वर्ष, राजकुमार सात वर्ष, संजय छह वर्ष सुमित्रा चार वर्ष भी इस बीमारी की चपेट में आ गए। उल्टी दस्त से पीडि़त सभी बच्चों को गोरखपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आसपास में भी चपेट में आए बच्चे

डायरिया की चपेट में सिर्फ एक परिवार के नहीं, बल्कि आसपास के रहने वाले कुछ बच्चे भी आ गए। मुकामी लोगों की मानें तो गांव के ही रहने वाले मकालू के तीन बच्चों को भी उल्टी दस्त होने लगा। इन्हें भी जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया। वहीं चार दिन पहले अखिलेश सिंह के डेढ़ वर्ष के बेटे अमित भी इस बीमारी की चेपट में आ गया। अचानक उल्टी-दस्त होने से लोगों परिवार वाले उसे लेकर गोरखपुर आ रहे थे, इस बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं गांव के रहने बेचन प्रजापति के बेटी की मंगलवार रात अचानक तबीयत खराब हो गई, उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है।

कोरम पूरा कर लौट गई स्वास्थ्य विभाग की टीम

एक बुजुर्ग और बच्चे की मौत के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट में हलचल मच गई। संक्रामक बीमारी के अंदेशे पर टीम नगवा गांव पहुंची। यहां उन्होंने मुकामी लोगों से पूछताछ की और कोरम पूरा कर लौट गई। इस दौरान विभाग की ओर से न तो गांव में छिड़काव कराया गया और न ही कोई दवा ही डिस्ट्रिब्यूट की गई। इसको लेकर गांव के लोगों में खासी नाराजगी है।

गांव में कायम है गंदगी का राज

उल्टी-दस्त से दो बच्चों की मौत और आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के बीमार होने की वजह कुछ और नहीं, बल्कि वहां की कंडीशन है। बीमारी का प्रकोप बढ़ने के बाद भी गांव में गंदगी का राज कायम है। गांव की नालियां जाम पड़ी हुई हैं। जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है। गांव के लोगों ने बताया कि उन्होंने आज तक सफाईकर्मी को नहीं देखा। उनका कहना है कि बारिश के बाद गड्ढों में पड़ा कूड़ा सड़ रहा है जिसकी वजह से कई मोहल्लों में बदबू फैली हुई है। ग्राम प्रधान भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।

मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। इसे पता करवाता हूं। कल गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जाएगी।

- डॉ। नंद कुमार, एडिशनल सीएमओ

ग्राम प्रधान का वर्जन आना है।