- बूथ पर मोबाइल, लैपटॉप, कैलकुलेटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गजट पर रहेगी रोक

- ड्यूटी में लगे एंप्लाइज को भी स्विच ऑफ करने होंगे अपने मोबाइल

- किसी तरह की अफवाह को रोकने के लिए आयोग सख्त

GORAKHPUR: इस बार यदि आप विस चुनाव में बूथ पर वोट डालने जा रहे हैं तो ऐसा समझिए कि आप एग्जाम देने जा रहे हैं। जी हां, बूथों पर इलेक्ट्रॉनिक गजट ले जाने पर वैसे ही रोक रहेगी, जैसे किसी एग्जाम के दौरान केन्द्र पर होती है। इस बार चुनाव आयोग ने ऐसा निर्देश दिया है कि कोई भी बूथ पर मोबाइल, कैलकुलेटर, लैपटॉप आदि नहीं ले जा सकेगा। ऐसी व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि किसी तरह की अफवाह को बल न मिले और चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण संपन्न हो सके।

100 मीटर के दायरे में रहेगी रोक

इलेक्शन कमीशन ने मतदान केंद्रों से 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। निर्वाचन आयोग के कर्मचारियों का कहना है कि यह आदेश सोशल मीडिया पर लोगों की सक्रियता को देखकर लिया गया है। स्थिति यह है कि सोशल मीडिया पर कभी भी कोई यूजर किसी तरह की फोटो या वीडियो अपलोड कर दे रहा है। जिसके कारण कई बार विवाद की स्थिति हो जाती है। इसी को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

गुटखा और पान मसाला पर भी प्रतिबंध

निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर्स के साथ ही एंप्लाइज पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगा रहा है। इसमें सबसे अधिक प्रतिबंध कर्मचारियों के गुटखा, तंबाकू, पान और नशीली चीजों के खाने पर है। एक अधिकारी का कहना है कि कोई कर्मचारी यदि पान मसाला खाकर पर्ची बनाने बैठेगा तो उसे थूकने के लिए बाहर जाना होगा, जिसके कारण कार्य में विलंब होने के साथ ही साथ गड़बड़ी होने की भी आशंका होती है। इसीलिए इस पर रोक लगा दी गई है।

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राजनीतिक पार्टियों के रंग वाले कपड़े पहनकर न आना

निर्वाचन आयोग बूथ के 100 मीटर के दायरे में और भी कई नियम लागू होंगे। राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं व समर्थकों को सख्त हिदायत दी गई है कि बूथ के 100 मीटर के दायरे में किसी पार्टी के झंडे से मिलते-जुलते रंग के कपड़े पहने नहीं मिलने चाहिए। इसी तरह यदि कोई वोटर भी किसी पार्टी के सिंबल या बिल्ला या उससे मिलते-जुलते रंग के कपड़े पहनकर वोट करने जाता है तो उस पर भी कार्रवाई हो सकती है।