- पानी को प्योर करने के लिए ईडीआरओ टेक्निक यूज करने की सलाह

- डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनाइज नेशनल सेमिनार की हुई क्लोजिंग

GORAKHPUR : बाजार में बिकने वाले आरओ, पानी छानने के दौरान बॉडी के लिए जरूरी आयन को भी छान देते हैं। इसके साथ ही 8भ् परसेंट पानी छानने में बर्बाद हो जाता है। मगर इसे बर्बाद होने और आयन को रोकना अब मुश्किल नहीं है। इलेक्ट्रोडायलिसिस का यूज कर पानी को अल्ट्रा प्योर किया जा सकता है और बॉडी के लिए जरूरी साल्ट्स पानी में ही रहते हैं। इसके साथ ही इस टेक्निक का यूज कर पानी की क्वालिटी भी बढ़ाई जा सकती है। यह बातें बताई सीएसएमसीआरआई भावनगर गुजरात से आए डॉ। विनोद कुमार शाही ने, जो डीडीयू में केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से ऑर्गेनाइज नेशनल सेमिनार में बतौर गेस्ट मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने इलेक्ट्रो डायलिसिस का यूज कर समुंद्री पानी के डिसैलिनेशन के तरीके भी बताए।

एरिया के हिसाब से बदलती है वाटर क्वालिटी

पीने का पानी, पूर्वाचल की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। पानी की क्वालिटी की बात करें तो यह एरिया बदलने के साथ ही चेंज होती रहती है। इसलिए जरूरी है कि एरिया के अकॉर्डिग ही वाटर प्योरिफायर का यूज किया जाए। पूर्वाचल में पानी की क्वालिटी साल्ट की वजह से नहीं बल्कि बैक्टेरिया और फंजाई की वजह से है, इसलिए यहां पर बजाए आरओ प्योरिफायर के यूज के सिर्फ अल्ट्रा प्योर वाटर सिस्टम से पानी को प्योर किया जाए।

आसान नहीं कैंसर सेल को पहचानना

सेमिनार के सेकेंड सेशन में सीडीआरआई लखनऊ के डॉ। अतुल कुमार ने कैंसर रोधी ड्रग्स सिंथेसिस में सीडीआरआई की नई भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि व‌र्ल्ड में क्म् परसेंट मौत सिर्फ कैंसर से होती है। मौजूदा वक्त में यह क्08 टाइप्स के हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह राम, बालि और सुग्रीव में डिफरेंस नहीं कर सके, वैसे ही कैंसर सेल की पहचान करना आसान नहीं है। उन्होंने टाइरोसिन काइनेज और डासाटिनिव का एग्जामपल देते हुए बताया कि आज सस्ती और टारगेट को अटैक करने वाली कैंसर रोधी दवाओं की जरूरत है।

हर फील्ड को लेकर हुआ डिस्कशन

नेशनल सेमिनार में हर फील्ड की प्रॉब्लम के सॉल्युशन पर डिस्कशन किया गया। इस दौरान मणिपुर यूनिवर्सिटी से आए प्रो। एसके श्रीवास्तव ने लैंथेनाइड डोप्ड नैनो मैटेरियल के इंपॉर्टेस को आउट लाइन किया। वहीं खनिज विद्यापीठ धनबाद के डॉ। डीडी पाठक, डॉ। प्रेम प्रकाश ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान ऑर्गेनाइज पोस्टर सेशन में रीना दूबे को पहला, डॉ। प्रीति गुप्ता को दूसरा और डॉ। सर्वेश पांडेय को तीसरा प्राइज दिया गया। वहीं सुप्रिया सिंह को तीसरा और डॉ। सरोज यादव को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कोऑर्डिनेटर प्रो। एसके सेन गुप्ता ने बताया कि सेमिनार अपने उद्देश्यों को पाने में सफल रही। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ। ओपी पांडेय ने सभी को धन्यवाद दिया।