गोरखपुर (ब्यूरो).गीता प्रेस से अभी तक करीब 75 करोड़ पुस्तकों की सेल हो चुकी है। अभी तक 6 मशीनों से हो रही प्रिंटिंग की जा रही थी, जो डिमांड के हिसाब से नाकाफी थीं। अब कोल्हापुर और वल्लभगढ़ (फरीदाबाद) से 1.40 करोड़ से दो आफसेट मशीनेें मंगा ली गई हैं। नई मशीनें लगने के बाद करीब 20 परसेंट प्रिंटिंग वर्क बढ़ेगा। रीडर्स को जल्द से जल्द पुस्तकें मिलें। इसलिए जर्मनी से किताबों की सिलाई मशीन मंगाई जा रही है।

1800 तरह की पुस्तकें

गीता प्रेस में अनुपलब्ध पुस्तकों में गीता, श्रीरामचरितमानस आदि के कई संस्करणों के अलावा तत्वविवेचनी, कल्याण, हनुमान चालीसा, रामरक्षास्रोत, शिव चालीसा, सुंदरकांड, दुर्गा चालीसा, आरती संग्रह और आदर्श बाल कहानियों समेत 1800 तरह की पुस्तकें शामिल हैं। यहां से हिंदी, संस्कृत, गुजराती, तेलुगु, उडिय़ा, इंग्लिश, बांग्ला, मराठी, तमिल, कन्नड, असमिया, मलयालम, नेपाली, उर्दू और पंजाबी भाषा में धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन होता है।

चार माह में पुस्तकों की बिक्री (रुपए लाख में)

माह 2022

जनवरी 703.34

फरवरी 744.12

मार्च 870.73

अप्रैल 679.30

अप्रैल से मार्च तक पुस्तकों की बिक्री (रुपए लाख में)

2019-20 में 5813.17

2020-21 में 5217.07

2021-22 में 7762.27

गीता प्रेस में एक घंटे रुकेंगे महामहिम

गीता प्रेस गोरखपुर के ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल ने बताया, राष्ट्रपति भवन से महामहिम के कार्यक्रम की अनुमति आ गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में एक घंटे रहेंगे। 4 जून को राष्ट्रपति शाम करीब 5 बजे गीता प्रेस पहुंचेंगे। वे यहां लीलाचित्र मंदिर का अवलोकन करेंगे। इसके बाद मंच का कार्यक्रम है। उनके साथ राज्यपाल और सीएम भी रहेंगे।

गीता प्रेस में 1800 से ज्यादा तरह की पुस्तकें प्रकाशित होती हैं। निरंतर डिमांड बढ़ रही है। आवश्यकता की पूर्ति के लिए 2 आफसेट मशीनें इंस्टॉल हो रही है। मोटी पुस्तकों की सिलाई के लिए जर्मनी से एक मशीन जुलाई तक आने वाली है। इन सब संसाधनों के होने से ज्यादा किताबें तैयार की जा सकेंगी।

देवीदयाल अग्रवाल, गीता प्रेस गोरखपुर के ट्रस्टी