-हेल्थ विभाग की मुश्किलें बढ़ीं

- चार दिन पहले खोराबार ड्रग स्टोर के लिए भेजी गई थी एआरवी

- हेल्थ कर्मियों को भी नहीं है इसकी जानकारी

GORAKHPUR: हेल्थ विभाग एक तरफ जहां एआरवी के संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ आठ रोज पहले मंगाई गई दो हजार वायल एआरवी का पता नहीं चल रहा है। शुक्रवार को सीएमओ ऑफिस से एआरवी को रखने के लिए खोराबार स्थित ड्रग स्टोर भेजा गया था। हेल्थ कर्मियों के पास यहां से एआरवी भेजने का पेपर तो है, लेकिन ड्रग स्टोर में किसी कर्मचारी को एआरवी रिसिव नहीं कराया गया। गड़बड़ी कहां से हुई? इस बारे में न तो सप्लाई देने वाली कंपनी ही कुछ बता रही है और न ही हेल्थ विभाग के जिम्मेदार। सभी एक दूसरे पर दोषारोपण करते नजर आ रहे हैं।

सीएमओ ऑफिस ने एआरवी सप्लाई करने वाली दो फर्मो से करीब दस हजार एआरवी की डिमांड की थी। इसमें से एक फर्म ने आठ रोज पहले दो हजार वॉयल एआरवी सीएमओ ऑफिस स्थिति ड्रग स्टोर भेजा था। जहां से उसे औषधि भंडार खोराबार के लिए भेज दिया गया। लेकिन एआरवी लेकर फर्म का कर्मी जिला अस्पताल के एनआरएचएम के ड्रग स्टोर में पहुंचा। यहां पर कर्मचारियों ने एआरवी का वायल लेने से मना करते हुए बैक्सिन को खोराबार के ड्रग स्टोर ले जाने को कहा। आठ दिन बीतने के बाद भी एआरवी ड्रग स्टोर नहीं पहुंच पाई है। जिसकी जानकारी फोनपर ड्रग स्टोर के एक फार्मासिस्ट ने दी। इसके बाद सभी के कान खड़े हो गए। हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार एआरवी को ट्रेस करने में लगे हुए हैं।

वर्जन

हेल्थ विभाग को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। ना ही कोई पेपर मिला है। मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

डॉ। आईवी विश्वकर्मा, कार्यवाहक सीएमओ