गोरखपुर (ब्यूरो)। यही नहीं नगर निगम, कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल सहित तमाम आफिसों में जलभराव इस कदर हो गया था कि पानी के बीच से आना जाना पड़ा। नगर निगम के कंट्रोल रूम में 40 से अधिक कंप्लेन पहुंचीं। सोशल मीडिया पर गोरखपुराइट्स ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़़े किए।

नाला सफाई में करोड़ों खर्च, हालत जस के तस

नाला सफाई में नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च किए। दावा किया गया कि सभी नाले साफ हो गए हैं। बारिश में जलभराव नहीं होगा। पहली बारिश में ही दावों की पोल खुल गई। सिटी के सभी छोटे-बड़े नाले पानी में डूबे रहे। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी बाकायदा पब्लिक से जुड़े मुद्दों को बार-बार उठाया, पर अफसर अलर्ट नहीं हुए। सिटी में 13 बड़े नाले, 117 मझोले नाले, 127 छोटे नाले हैं। इनकी कुल लंबाई 258829 मीटर है।

सिविल लाइंस में डूबी सड़कें

सिविल लाइंस एरिया में इस कदर जलभराव था कि सड़क पानी में पूरी तरह डूब गई थी। इससे एचपी चिल्ड्रेन स्कूल, अमर सिंह, आरपीएम एकेडमी आदि स्कूलों में बच्चों और लोगों को पानी के बीच से निकलना पड़ा। यहां पानी शाम तक नहीं निकला। नाला सफाई का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि डीएम आवास के सामने एक घर में पानी घुस गया।

डूब गया धर्मशाला अंडरपास

बारिश में धर्मशाला चौक अंडरपास भी पूरी तरह डूब गया। इससे लोगों को रेलवे लाइन के फ्लाईओवर से गुजरना पड़ा। जलभराव सड़क तक भी हो गया था। हालांकि, कुछ घंटों बाद सड़क से पानी हट गया था।

हर मोहल्ले में जलभराव, कंट्रोल रूम में घनघनाते रहे फोन

अधिकतर मोहल्लों में पानी लगने पर लोग नगर निगम के कंट्रोल रूम में फोन करते रहे। लोगों के अनुसार केवल आश्वासन मिला। सुनवाई न होने पर लोगों ने मजदूर बुलाकर पानी निकलवाया। असुरन-मेडिकल रोड पानी लगने से काफी देर परेशानी रही। मेडिकल रोड पर खजांची चौराहे पर पुलिया निर्माण में देरी से ऐसी स्थिति हुई। असुरन से लेकर खजांची और स्पोट्र्स कॉलेज पर सड़कों पर पानी लगा। इससे प्रेमनगर, वसुंधरा, कृष्णानगर, मानस विहार कॉलोनी आदि मोहल्ले में जलभराव हुआ। बेतियाहाता, रुस्तमपुर, मोहद्दीपुर, तारामंडल, इंदिरानगर, जेटपुर दक्षिणी, शाहपुर, सूरजकुंड सहित सिटी के अधिकतर इलाकों में जलभराव से लोगों को परेशानी हुई।

कंट्रोल रूम में शिकायतें, पर सुनवाई नहीं

नगर निगम की ओर से बाढ़ या जलभराव की सूचना के लिए डेडिकेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। यहां 2342621, 8810709390 या टोल फ्री नंबर 18001800101 पर कॉल कर सूचना दे सकते हैं।

शाहपुर कॉलोनी में घरों में घुसा पानी

जेल रोड, शाहपुर कॉलोनी निवासी प्रजेश श्रीवास्तव ने बताया, उनके घर में बारिश से पानी घुस गया था। नगर निगम के कंट्रोल रूम में फोन करने पर कोई रिस्पांस नहीं मिला। मजदूरों को बुलवाकर पानी निकलवाया।

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई

जटेपुर दक्षिणी, धर्मशाला के दिनेश मिश्रा ने बताया कि उनके वार्ड में बारिश से काफी जलभराव हो गया था। पानी घरों में भी घुस रहा था। कंट्रोल रूम में फोन करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जेई से शिकायत करने पर घंटों बाद जलनिकासी की व्यवस्था की जा सकी।

बारिश से सड़क में गड्ढा, जलभराव

वार्ड नंबर तीन में रहने वाले मुकेश शुक्ला ने बताया, बारिश से घर के बाहर सड़क में गड्ढा हो गया। इसमें पानी भरने से हादसे का खतरा होने पर कंट्रोल रूम को सूचना दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

घर में घुसे पानी को बाल्टी से निकाला

वार्ड 70 के अमित कुमार ने बताया कि भरवलिया स्थित उनके घर में बारिश का पानी घुस गया। कंट्रोल रूम में शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद बाल्टी से खुद पानी निकाला। सड़क पर जलभराव बरकरार है।

सोशल मीडिया पर निगम प्रशासन के खिलाफ फूटा गुस्सा

सिटी में जलभराव होने पर गोरखपुराइट्स का गुस्सा फूट पड़ा। कइयों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली।

अभिषेक त्रिपाठी ने ट्विट किया कि नाले में गंदगी पड़ी है। सफाई न होने के चलते ही सिटी में जलभराव हुआ है।

प्रसून त्रिपाठी ने फोटो ट्विट किया। इसमें जलभराव में फंसी स्कूल वैन को दिखाते हुए नगर निगम प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।

फेसबुक पर अभिनव प्रताप सिंह ने जलभराव का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मेरा खूबसूरत मोहल्ला।

फेसबुक पर प्रमोद पाल ने बेतियाहाता पार्षद का जलभराव की आरती उतारते हुए वीडियो पोस्ट किया है। उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर लापरवाही का भी लगाया है।

द प्रोफेसर ने फोटो ट्विट कर कहा कि गोरखनाथ मंदिर की तरफ ज्यादातर कॉलोनी और सड़क मार्ग पर पानी भरा है।

पानी अधिक बरसने से थोड़ी देर के लिए शहर में जलभराव हुआ। सिटी में जहां भी पानी लगा था। सब नाले के जरिए निकल गया।

- दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त गोरखपुर