गोरखपुर (ब्यूरो).दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम रेलवे बस स्टेशन पहुंची। जहां पैसेंजर्स की भीड़ उमड़ी रही। हैरान करनी वाली बात यह रही है कि स्टेशन पर बस के इंतजार में महिलाएं खड़ी रही। वहीं कुछ महिलाएं स्टेशन परिसर के वेटिंग हाल में फर्श पर बैठकर बस को इंतजार करती नजर आई। लोकल रूटों ज्यादा मारमारी थी। बस के अंदर भी महिलाओं को खड़े होकर सफर करना पड़ा। इतना ही नहीं राप्तीनगर कचहरी बस स्टेशन का भी यहीं हाल रहा। रोडवेज पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ दिखाई दी। यात्री रोडवेज पर बसों का इंतजार करते दिखाई दिए। बस आने पर सीट को लेकर पैसेंजर्स को मशक्कत करनी पड़ी। हालात ऐसे रहे कि चलती बस में पैसेंजर्स को बस में सीट पर कब्जा करना पड़ा।

कागजों में दौड़ती रही बसें

वर्कशॉप से लेकर ड्राइवर और कंडक्टर को भी इंसेंटिव दिया गया, ताकि वह ड्यूटी पर रहें और पैसेंजर्स को परेशानी न हो। अफसरों ने रक्षाबंधन पर महिलाओं को राहत देने के लिए लोकल रूटों पर बसों के फेरे बढ़ाए। गोरखपुर रीजन की 605 बसों को लॉग और लोकल रूटों पर दौड़ाने का दावा किया गया, लेकिन लॉग रूटों की बसें पूरी तरह से खाली मिली और लोकल रूटों पर बसें के लिए मारामारी रही। देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर आदि रूटों पर बसे कम होने की वजह से पैसेंजर्स को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।

बसों की कमी से परेशानी

गोरखपुर और कहचरी बस स्टेशन पर महिलाओं के साथ साथ पुरूषों की भी काफी भीड़ दिखाई दी। महिलाएं बस के अंदर खड़ी होकर सफर के लिए मजबूर नजर आईं। इस संबंध में जब कंडक्टर से बातचीत की कई तो नाम देने की शर्त पर उसने बताया कि बसों की कमी होने की वजह से इस तरह की परेशानी हो रही है। पुरूष यात्री सीट को लेकर विवाद करने को आमादा हो जाते हैं, इसलिए जैसे-तैसे पैसेंजर्स को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।

पिंक और जनरथ एसी बस का इंतजार

सुबह से ही महिलाओं की बड़ी संख्या रेलवे बस स्टेशन और कचरी बस स्टेशन पर दिखी। तमाम महिलाएं पिंक बस सेवा और जनरथ बसों का इंतजार करती रहीं। इस बीच कई महिलाओं ने पूछताछ काउंटर पर बसों को लेकर जानकारी मांगती रहीं लेकिन कोई कुछ बताने का तैयार नहीं था। इसलिए मजबूरी में उन्हें घटों बस का इंतजार करना पड़ा।

बस छोड़कर ड्राइवर और कंडक्टर फरार

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने बसों की कमी को लेकर जब एआरएम से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि बसों की कमी नहीं हैं। फेरे में बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन कुछ कंडक्टर और ड्राइवर बिना बताए बस छोड़कर चले गए हैं। इसकी वजह से पैसेंजर्स को परेशानी से जूझना पड़ रहा है।

गोरखपुर भाई को राखी बांधने के लिए आई थी। दोपहर में बस स्टेशन पर घर जाने के लिए पहुंची, लेकिन बस में काफी भीड़ होने की वजह से सीट नहीं मिल पाई। किसी तरह से खड़ी होकर बस में सफर करना पड़ा।

रीता देवी, लार

अपने पति से साथ भाई को राखी बांधने के लिए आई थीं। अब घर लौट रहीं हूं, लेकिन जब बस स्टेशन पर पहुंची तो हमें काफी देर तक बस का इंतजार करना पड़ा। कई बसें मिली भी लेकिन इसमें हर सीट पर पुरूषों का कब्जा था। इसलिए परेशानी का सामना करना पड़ा।

रिंकी देवी, सलेमपुर

बस का कई घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके बावजूद भी बस नहीं मिली। बस के इंतजार में धूप में खड़ा रहना पड़ा। एक बस मिली, लेकिन उसमें भी भीड़ रही। काफी मशक्कत के बाद सीट मिल पाई।

प्रेम शीला देवी, बरहज

फ्री बस में बेहतर सफर कराने वाले रोडवेज प्रशासन के दावों की पोल खुल गई। धूप में खड़े होकर दो घंटे तक बस का इंतजार करती रहीं, लेकिन इसके बाद भी बस नहीं मिली।

अर्चना, संतकबीर नगर

डिपो बस की संख्या

गोरखपुर 145

राप्तीनगर डिपो 69

देवरिया डिपो 169

बस्ती डिपो 81

सिद्धार्थनगर डिपो 36

महराजगंज डिपो 52

सोनौली डिपो 31

पडऱौना डिपो 24

पैसेंजर्स की भीड़ को देखते हुए लोकल रूटों पर फेरे में बसें चलाई गई हैं। अगर महिलाओं को बस के अंदर सीट नहीं मिली हैं तो कंडक्टर की लापरवाही है। साथ ही कई कंडक्टर और ड्राइवर अपनी ड्यूटी से नदारद मिले। रिपोर्ट मांगी गई है, इसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- पीके तिवारी, गोरखपुर रीजन