गोरखपुर (ब्यूरो).इसके साथ 2.30 लाख का वह बिल भी निरस्त हो गया, जो बिजली अभियंताओं ने बिना कनेक्शन जोड़े ही कंज्यूमर को थमा दिया था। अब अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच के लिए टीम बनाने की तैयारी में है। ताकि पता चल सके की क्षेत्र के जेई व एसडीओं की इसमें क्या भूमिका रही।

दो किलोवॉट कनेक्शन के लिए आवेदन

सहजनवा क्षेत्र के सेमरा गांव के बृजेश कुमार सिंह ने चेयरमैन को भेजे गए अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि अगस्त-2019 में दो किलोवाट के कॉमर्शियल कनेक्शन के लिए आवेदन किया। अक्टूबर-19 में कनेक्शन ऑनलाइन स्वीकृत हो गया। हमारे प्रतिष्ठान तक खम्भा तार व ट्रांसफार्मर भी पहुंच गया, लेकिन अफसरों ने उसे स्थापित नहीं कराया। ना ही हमारा कनेक्शन जोड़ा। हम कनेक्शन जोडऩे के लिए जेई व एसडीओं के पास गुहार लगाते रहे। अभियंताओं ने खम्भें से दूरी बताकर कनेक्शन नहीं जोड़ा। बृजेश ने आरोप लगाते हुए कहा है कि लाइनमैन रंजीत उपाध्याय ने कनेक्शन जोडऩे के नाम पर 25 हजार रुपए भी ले लिए। बावजूद इसके कनेक्शन नहीं जुड़ा। अभियंताओं ने बिना कनेक्शन जोड़े ही बिजली बिल भी दे दिया। कई बार चक्कर काटने के बाद भी बिल को निरस्त नहीं किया। इस शिकायत को चेयरमैन ने गंभीरता से लिया।

चेयरमैन ने गुरुवार को जोन के सीई को फोन कर मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी। इसके बाद ग्रामीण वितरण मंडल द्वितीय के अभियंता हरकत में आए। एसडीओ व जेई लाइनमैन लेकर दिन में 11 बजे सेमरा गांव में पहुंच गए। शिकायतकर्ता से मिलकर 300 मीटर केबल लगाकर कनेक्शन जोड़ दिए। बिल निरस्त करने की प्रक्रिया शुरु कर दी। खंड के एक्सईएन ने एसडीओ व जेई से रिपोर्ट लेकर आरोपी लाइनमैन को देरशाम सस्पेंड कर दिया।