कानपुर (ब्यूरो)। तमाम लूट, हत्या और चोरी की की घटनाओं का खुलासा न कर पाने का दाग तो कानपुर कमिश्नरेट पुलिस पर लगता ही रहा है, लेकिन शहर से गायब हो रही युवतियों का पता न लगा पाना पुलिस के लिए काला धब्बा जैसा है। वर्ष 2021 से मई 2023 तक 105 युवतियां इस शहर से गायब हो चुकी है, इनमें 47 तो इसी वर्ष के पांच महीने (मई तक) में हुईं है। इन सभी युवतियों को बरामद कर लेना दूर इनका पता भी नहीं लग सका कि आखिर कौन ले गया इन युवतियों को। पुलिस के अफसर भी इस सवाल के जवाब में बगलें झांकने लगते हैं।
एजेंसीज को बेची जा रहीं?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो भी युवतियां कमिश्नरेट पुलिस ने बरामद की हैं, उनमें वर्किंग एजेंसीज के नाम सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक कमिश्नरेट पुलिस ने जनवरी 2023 से लेकर मई 2023 तक गुम हुई युवतियों में से 32 युवतियों को बरामद किया है। अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि बरामद हुई युवतियों में से 23 युवतियों को प्रेमी अपने साथ ले गए थे लेकिन समय बीतने के साथ प्रेमी उन्हें वर्किंग एजेंसीज को बेच आए थे। जिसके बाद काम के साथ इनके साथ घिनौनी हरकतें भी की गईं।
कर लिया कंप्रोमाइज?
इन 23 युवतियों को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और गुजरात से बरामद किया गया है। इन सभी मामलों में कमिश्नरेट के ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में केस दर्ज हैं लेकिन दहशत में इन युवतियों ने कार्रवाई करने से साफ इन्कार कर दिया। कहीं समाज का डर तो कहीं अपनी मजबूरी को देखते हुए न तो किशोरी के परिजन आगे आए और न ही पीडि़ताएं। अब पुिलस सूत्रों की माने तो पीडि़ताओं ने केस वापस लेकर कंप्रोमाइज कर लिया, लिहाजा मामला वहीं रद्द कर दिया गया, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर रखा है।
ये है तलाश की प्रक्रिया
पहले गुमशुदगी और फिर निर्धारित समय बाद अपहरण का केस दर्ज किया जाता है। गुम हुई युवती की मोबाइल लोकेशन और सीडीआर से बी और सी पार्टी की तलाश की जाती है। उनसे पूछताछ की जाती है। इसके बाद युवती के करीब रहने वालों से पूछताछ की जाती है। न मिलने पर थाना पुलिस परिवार वालों की मदद से शहर के मुख्य स्थानों पर पोस्टर लगाती है। डीसीआरबी और एनसीआरबी की मदद से आस पास के जिलों में और रिश्तेदारी में तलाश की जाती है। अब भी न मिलने पर दूसरे प्रदेश में तलाश की जाती है। तीन महीने में फाइनल रिपोर्ट लगाने के बाद भी जांच चलती रहती है। जब आसपास के प्रदेशों में जानकारी नहीं मिलती है तो ये लिस्ट इंटरपोल और पूरी जानकारी देश के मुख्य एयरपोर्ट पर भेजी जाती है और ईनाम की घोषणा कर दी जाती है।
क्या कर रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल
कमिश्नरेट में ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल का गठन किया गया है। इसके बाद भी छह महीने में इस थाने में केवल 29 केस दर्ज किए गए हैं। जबकि इस सेल में प्रभारी इंस्पेेक्टर -01, सब इंस्पेक्टर - 03, महिला सिपाही -08, पुरुष सिपाही-08 और 09 होमगार्ड हैं। इसके बाद भी इस सेल का मूवमेंट नहीं देखने को मिलता है।

पिछले कुछ सालों में गुम हुईं युवतियां -
31 युवतियां गायब हुईं साल 2021 में
27 युवतियां गायब हुईं साल 2022 में
47 युवतियां गायब 2023 में अब तक
क्या कहा पुलिस कमिश्नर नेः
हर थाने में महिला हेल्प डेस्क मौजूद है, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल इस डेस्क के संपर्क में रहती है। जो भी मामले आते हैं, हल किए जाते हैं। जो पेंडेंसी है उन पर फाइनल रिपोर्ट के बाद भी कमिश्नरेट पुलिस काम कर रही है।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर