कानपुर (ब्यूरो) पुलिस अधिकारियों की माने तो महाराष्ट्र मेें हर चौराहे पर थाने होते हैैं, इसी वजह से वहां क्राइम कम होता है या क्राइम होने के बाद खुलासे में बहुत समय नहीं लगता और वारदात को अंजाम देने वाले पुलिस की गिरफ्त में होते हैैं। कानपुर सघन आबादी वाला इलाका है, यहां हर चौराहे पर थाना तो नहीं खुल सकता लेकिन पुलिस की मौजूदगी बनी रहे, इसके लिए पुलिस चौकियां खुल सकती हैैं। इसी प्वाइंट पर सरकार ने प्लानिंग की है। कानपुर प्रदेश के अतिसंवेदनशील जिलों में आता है लिहाजा इसका फायदा कानपुर को मिलेगा। मामूली बातों पर कम्यूनल डिस्टर्बेंस पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
नशा कारोबारियों पर भी लगेेगी लगाम
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इससे लोकल इंटेलीजेंस भी बढ़ेगा। पुलिस की पहुंच लोगों तक रहेगी। छोटी से लेकर बड़ी हर तरह की जानकारी भी पुलिस के पास कम समय में पहुंच जाएगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एक चौकी में लगभग 20 लोग होंगे। जिनकी जद में आसपास के नशा कारोबारी, लुटेरे, छिनैती करने वाले और नकबजन रहेंगे, जिससे अपराध करना मुश्किल हो जाएगा। जो काम अभी तक बीट पुलिसकर्मियों का था वही काम इन चौकियों में तैनात पुलिसकर्मियों का होगा।
चौकी पर मिलेगी इतनी हेल्प
- शिकायत पर कंपलेंट नंबर दिया जाएगा
- एक चार पहिया और दो टू व्हीलर मौजूद रहेंगे
- आसपास चार सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिनका डीवीआर चौकी में होगा
- एक पीटूजेड कैमरा, जिसका मूवमेंट 360 डिग्री, 24 घंटे सातों दिन रहेगा
- छह महीने की रिकॉर्डिंग डेटा मौजूद रहेगा
- एक वायरलेस सेट रहेगा, जिसकी फ्रीक्वेंसी कमिश्नरेट एरिया में होगी
- महिलाओं की शिकायत के लिए महिला दारोगा या पुलिसकर्मी 24 घंटे मौजूद रहेगी
- एक ऐसा रूम जिसमें वेपन, डीवीआर समेत दूसरी जरूरी चीजें सेफ रहें
- चौकी क्षेत्र में रहने वाले हर क्रिमिनल का डेटा होगा।
- फ्लाईशीट पर इलाके के मनचलों की जानकारी होगी

महाराष्ट्र पुलिस की तर्ज पर यूपी में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए 200 से 500 मीटर पर पुलिस चौकी बनाई जाएगी, जिसका प्रपोजल पास हो गया है। प्रदेश में पुलिस अधिकारियों को इसके लिए जमीन चिन्हित करने को कहा गया है।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंडऑर्डर

शासन के आदेश के बाद पहले कमिश्नरेट की निष्प्रयोज्य और जर्जर चौकियां इस्तेमाल के योग्य बनाई जा रही हैैं। जल्द ही नई चौकियां बनाई जाएंगी।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर