कानपुर (ब्यूरो) कांशीराम ट्रामा सेंटर में 20 बेड का आईसीयू तो है लेकिन एक्सपर्ट स्टाफ नहीं है। इसकी वजह से आईसीयू बंद पड़ा है। यही कारण है कि एक्सीडेंट केसों में पेशेंट को प्राथमिक ट्रीटमेंट देने के बाद उसको हैलट रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल के डॉक्टर्स की माने तो अस्पताल में आईसीयू को शुरू करने के लिए एक्सपर्ट स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन व स्टाफ नहीं है। हेल्थ डिपार्टमेंट अगर आईसीयू का स्टाफ मुहैया करा देता है तो आईसीयू को चालू कर एक्सीडेंटल पेशेंट को यहीं पर अच्छा ट्रीटमेंट मिल सकेगा।

चार माह से नहीं एक भी फिजिशियन
अस्पताल में वर्तमान में एक भी फिजिशियन डॉक्टर नहीं है.इसकी वजह से वायरल समेत अन्य नार्मल बीमारियों से ग्रसित पेशेंट को उपचार के लिए हैलट, उर्सला या फिर प्राइवेट हास्पिटल में जाना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक कांशीराम अस्पताल में तैनात फिजिशियन डॉक्टर पीयूष मिश्रा का ट्रांसफर हो गया था। जिसके बाद से अभी तक अस्पताल में किसी फिजिशियन की तैनाती नहीं हुई है। सीएम के आदेश के बाद जल्द ही अस्पताल में फिजिशियन की भी तैनाती की जाएगी।

न्यूरो, फिजिशियन व सर्जन की कमी
कांशीराम अस्पताल के सीएमएस डॉ। स्वदेश गुप्ता ने बताया कि ट्रामा सेंटर में न्यूरो डॉक्टर का एक भी पद स्वीकृत नहीं है। शासन के नए आदेश के बाद यह संभावना जताई जा रही है। अस्पताल में न्यूरो सर्जन, सर्जन समेत अन्य डिपार्टमेंट में डॉक्टर्स की कमी दूर होगी। जिससे हम अस्पताल में आने वाले पेशेंट को बेस्ट ट्रीटमेंट मुहैया करा सकेंगे।

वर्तमान में डॉक्टर्स की तैनाती
- 3 आर्थो डॉक्टर
- 3 ईएनटी डॉक्टर थे दो का ट्रांसफर हो गया
- 4 पीडियाट्रिक डॉक्टर, एक ईएमओ का पद संभाल रहे
- 2 एनेस्थीसिया डॉक्टर की तैनाती
- 1 जनरल सर्जन

इनकी जरूरत
- 3 फिजीशियन डॉक्टर्स की
- 6 टेक्नीशियन आईसीयू के लिए
- 8 स्टॉफ नर्स आईसीयू के लिए
- 3 जनरल सर्जन
- 2 न्यूरो सर्जन
- 5 गायनेकोलाजिस्ट डॉक्टर्स

शासन का यह उद्देश्य
यूपी में होने वाले एक्सीडेंट व उसमें होने वाली मौतों की संख्या कम नहीं हो रही है। वहीं ठंड में कोहरे की वजह से एक्सीडेंट के केसेस बढ़ गए हैं। एक्सीडेंट में होने वाले घायलों को कम समय में बेस्ट ट्रीटमेंट मुहैया करा कर नया जीवन देने के लिए शासन ने हाइवे से जुड़े यूपी के सभी ट्रामा सेंटर्स में सुविधाओं को बढ़ाने का आदेश संबंधित डिपार्टमेंट को दिया है।
कोट
अस्पताल में स्टाफ व डॉक्टर्स की कमी है। पेशेंट को बेस्ट ट्रीटमेंट मुहैया कराने के लिए सीएमओ को डॉक्टर्स व स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए आग्रह किया गया है। वहीं सीएम के आदेश के बाद ट्रामा सेंटर में कई बदलाव किए जाने की प्लानिंग चल रही है।
डॉ। स्वदेश गुप्ता, सीएमएस, कांशीराम हॉस्पिटल