-नोटबंदी का शहर में नहीं दिखा असर

KANPUR: 10 बजते ही मार्केट्स खुलने लगे और देखते ही देखते पूरा मार्केट खुल गया। प्रमुख बाजार नयागंज, बिरहाना रोड, जनरलगंज, नौघड़ा, कुली बाजार, मेस्टनरोड, नवीन मार्केट, पी रोड, सीसामऊ, किदवईनगर, गोविन्दनगर, लाल बंगला आदि क्षेत्रों में आलम यह रहा कि लग ही नहीं रहा था कि कोई बंदी होनी है। मार्केट्स में ग्राहकों की भीड़ भी रुटीन की तरह ही दिखी।

मुस्लिम इलाकों में छिटपुट बंदी

हालांकि नई सड़क, बेकनगंज, चमनगंज समेत कुछ मुस्लिम इलाकों में बंदी का छिटपुट असर दिखा, लेकिन चाय, पान व जनरल मर्चेण्ट की दुकानें सामान्य रूप से खुली रहीं। दोपहर बाद इन क्षेत्रों में भी कई दुकानें खुल गईं। कोपरगंज स्थित हमराज कॉम्पलेक्स, मसूद कॉम्पलेक्स, न्यू हमराज कॉम्पलेक्स आदि में होजरी और रेडीमेड कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर नोट बंदी पर विरोध जताया। इन कारोबारियों का कहना है कि नोटबंदी की वजह से उनका कारोबार ठंडा पड़ गया है। कारोबारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

पब्लिक ने तवज्जो नहीं दी

बंदी के बारे में आम जनता का कहना था कि काले धन पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम बहुत अच्छा रहा। नवाबगंज के वैभव और रोहित ने कहा कि हालांकि नोट बदलने और रुपए निकालने के लिए लाइन में लगने का कष्ट रहा, फिर भी देश हित में इतनी तकलीफ कोई मायने नहीं रखती। किदवईनगर के आशुतोष और शेखर का कहना था कि नोट बंदी पर विरोधी दलों के विरोध को पब्लिक ने तवज्जो नहीं दी। यही कारण रहा कि बंदी बुरी तरह से असफल रही।

नहीं मिला कारोबारियों का समर्थन

बंदी कराने के लिए परेड, नवीन मार्केट, मेस्टन रोड, बिरहाना रोड आदि क्षेत्रों में सपा, कांग्रेस और सीपीआई के कार्यकर्ताओं की टोलियों ने दुकानें बंद कराने की कोशिश की, लेकिन दुकानदारों ने समर्थन नहीं किया। ज्यादातर कारोबारियों का कहना था, इस वक्त वैसे ही धंधा नहीं हो रहा है ऊपर से बंदी और नुकसान देगी।