- शहर में भीषण बिजली संकट जारी, रात की कटौती से पब्लिक का पारा गरम

- प्रशासन ने भी खड़े किए हाथ, एडीएम बोले झूठा आश्वासन देने से अच्छा सच्चाई जाने जनता

-जनप्रतिनिधि भी लखनऊ घेरने के बजाए स्थानीय स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर पब्लिक को बना रहे बेवकूफ

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KANPUR : भीषण बिजली कटौती को लेकर आज (बुधवार) शहर बंद है। मंगलवार को भी नेताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। नयागंज में केस्को का पुतला फूंका गया। सबस्टेशनों पर लगातार घेराव व तोड़फोड़ की जा रही है। जनता जगह-जगह जाम लगा रही है। फिर भी हालात जस के तस हैं। अंधाधुंध बिजली कटौती जारी है। लोग बेहाल हैं। बिजली संकट से राहत दिलाने के मामले में अब तो प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। क्योंकि न तो प्रशासन बिजली पैदा कर सकता है और न ही खरीद सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि लोकल लेवल पर विरोध-प्रदर्शन करके जनप्रतिनिधि क्या जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। अगर बिजली समस्या को लेकर वो वाकई गंभीर हैं तो फिर उन्हें लखनऊ घेरना होगा। विधानसभा में मुद्दे को उठाना होगा।

विधायक जी जाम तो न लगवाइए, लखनऊ जाइए

सिटी में बिजली कटौती को लेकर अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में विधायक सतीश महाना भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बड़े चौराहे पर ख्ब् घंटे के धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने घाटमपुर के नए बिजलीघर संयत्र का उद्घाटन पिछले साल जून में किया था। मगर, आज तक काम शुरू नहीं हो सका। ध्वस्त बिजली व्यवस्था की वजह से स्टूडेंट्स, युवक-बच्चे मानसिक दबाव के कारण बीमार हो रहे हैं। अस्पतालों में मरीज, दुकानों में व्यापारी परेशान हैं। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं। बिजली कटौती को लेकर भाषणबाजी होती रही। मगर, इन सबके बावजूद बिजली संकट बरकरार रहा और धरने की वजह से बड़े चौराहे पर जाम भी लगा रहा। सवाल ये है कि विधायकजी अपनी बात कहां और किसे पहुंचाना चाह रहे हैं। क्या उन्हें इस बात का अहसास नहीं है कि बिजली कटौती की मूल जड़ कहां है और सॉल्यूशन किसके हाथ में है।

नाइट रोस्टरिंग कर रही बेहाल

शहर की म्0 लाख से ज्यादा आबादी सबसे ज्यादा नाइट रोस्टरिंग से त्रस्त है। प्रदर्शनकारियों व नेताओं ने जिला प्रशासन से अघोषित कटौती खासकर नाइट रोस्टरिंग बंद करवाने की अपील की है। सभी का कहना है कि दिन में तो किसी तरह बिजली कटौती झेल भी ली जाती है। मगर, रात काटनी मुश्किल हो रही है। इस पर प्रशासनिक अफसरों ने सिर्फ इतना कहा कि वह शासन तक यह बात पहुंचा देंगे। इस मुद्दे पर कुछ भी साफ-साफ कहने-सुनने से इंकार कर दिया।

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इनसेट

प्रशासन की दो टूक

बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए मंगलवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता एडीएम सिटी अविनाश सिंह को ज्ञापन देने पहुंचे। मगर, वहां उन्हें अजब-गजब जवाब सुनने को मिला। एडीएम सिटी ने दो टूक कह दिया कि बिजली संकट से राहत नहीं मिलने वाली। कोयला है नहीं। पनकी की एक यूनिट बंद पड़ी है। पानी बरस नहीं रहा। प्रोडक्शन भी ठप है। इसलिए बिजली अभी और रुलाएगी भीषण बिजली कटौती के मुद्दे पर ऐसे बयान के बारे में उन्होंने कहा कि पब्लिक को झूठा आश्वासन देने से कोई फायदा नहीं। सच्चाई बता दो तो लोग सब्र कर लेंगे। मगर, गलत आश्वासन पर गुस्सा और भड़केगा।

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बॉक्स-

अब तो भगवान से ही आस है

भीषण बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए पब्लिक को शायद अब प्रदेश सरकार पर भरोसा नहीं रहा। इसीलिए यशोदा नगर के गोपाल नगर इलाके में अघोषित बिजली कटौती को लेकर विशाल महाआरती का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में भगवान से बिजली संकट से निजात दिलाने की प्रार्थना की गई।

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बॉक्स-क्

नयागंज में फूंका केस्को का पुतला

कलक्टरगंज व्यापार मंडल ने बिजली संकट पर केस्को का पुतला फूंका। दोपहर करीब डेढ़ बजे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बिजली कटौती को लेकर केस्को के खिलाफ नारेबाजी की। फिर पुतला फूंककर विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने में बैठा लिया। फिर मुचलका भरने पर ही छोड़ने की बात कही, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इनकार कर दिया। तब पुलिस को उन्हें छोड़ना ही पड़ा।

यूपी के हर शहर का यही हाल

चंद जिलों को छोड़ दिया जाए तो बिजली कटौती ने पूरे यूपी में हाहाकार मचा रखा है। एक नजर दूसरे जिलों में बिजली कटौती पर-

शहर बिजली कटौती

लखनऊ 7 घंटे

बरेली क्0 घंटे

गाजियाबाद 9-क्0 घंटे

आगरा 7-क्0 घंटे

नोएडा क्ख् घंटे

गोरखपुर क्क् घंटे

वाराणसी क्0 घंटे

मेरठ 8-क्0 घंटे

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वर्जन-वर्जन

ø क्या कानपुर में बिजली आ रही है जाती तो हमेशा है, पर आने का नाम नहीं।

- नवदीप चतुर्वेदी

ø नोएडा जोकि आर्थिक राजधानी है, ऑफिस यहां जेनरेटर के भरोसे चल रहे हैं। यहां की स्थिति दयनीय है।

- रोहन तिवारी

ø बिजली तो अब बुरा सपना बन गया है। जब भी आती है अपने साथ जाने का डर भी लाती है। जब ये होती है तो भी चैन नहीं आता। क्योंकि कब ये हमसे बिछड़ जाएगी। हमें यह मालूम नहीं होता।

- शुभाषीश दास

ø काकादेव की हालत तो यह है कि दिन में हम स्टूडेंट्स पढ़ाई कर ही नहीं पाते और रात में लाइट के चक्कर में सो नहीं पाते। इससे अच्छा तो गांव की लाइट है।

- नरेन्द्र पांडेय

ø प्रदर्शन के स्थान पर सारे विधायकों को सांसद सहित मुख्यमंत्री से मिलना चाहिए। केवल समाचार में ही बने रहना अगर उनका लक्ष्य है तो यह अलग बात है।

- संजीव अवस्थी

ø शहर के विधायक इस समय सत्ता के नशे में चूर हैं। उन्हें बिजली समस्या से कोई सरोकार नहीं।

- रोहित गुप्ता,

ø कानपुर के लोग पाषाण युग में जी रहे हैं। मेरी तो केस्को से अपील है कि जिसे बिजली दे रहे हैं। उन्हीं से बिल लें जाकर। हम तो पत्थर से आग जलाकर उजाला कर रहे हैं।

- जफर सुभानी