अरविंद केजरीवाल का ये बयान अन्ना हजारे के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल से कहा था कि वो भविष्य प्रचार के लिए उनके फोटो और नाम का इस्तेमाल न करें.इससे पहले, अन्ना हजारे ने बुधवार को अपनी पुरानी टीम के सदस्यों अरविंद, मनीष सिसोदिया और किरण बेदी से दिल्ली में मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद अन्ना हजारे ने कहा था, “दूसरे मत के लोगों को लगता है कि वो चुनाव में बहुमत प्राप्त करेंगे और लोकपाल लेकर आएंगे। लेकिन मैं न चुनाव लड़ूंगा और न ही प्रचार करूंगा। मैं किसी भी पार्टी का चुनाव प्रचार नहीं करूंगा। मेरे फोटो और मेरा नाम भी इस्तेमाल नहीं होगा। मेरा और चुनाव लड़ने वाले लोगों का रास्ता अब अलग हो गया है.'
अन्ना ने आगे कहा कि उन्हें विश्वास है कि सरकार चुनाव से पहले जनलोकपाल ले आएगी। अगर चुनाव से पहले जनलोकपाल नहीं आया तो वो देह त्याग देंगे।
और टीम टूट गई
अन्ना ने इस बात तो स्वीकार किया कि उनकी टीम टूट गई है । उन्होंने कहा कि दो साल तक टीम को टूटने से रोकने की कोशिश की गई लेकिन यह बुरा वक्त है कि टीम टूट रही है।
अन्ना बनाम केजरीवाल के अहम की लड़ाई में केजरीवाल भी झुकने को तैयार नहीं थे। केजरीवाल ने एक सर्वे के हवाले से दावा किया है कि ज्यादातर लोग पार्टी बनाने के पक्ष में हैं। इससे पहले, अन्ना ने पुणे में साफ कह दिया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही राजनीतिक पार्टी बनाएँगे।
अन्ना के आदर्शों पर ही
अन्ना के इस बयान पर हैरानी जताते हुए केजरीवाल ने कहा कि वो राजनीतिक पार्टी संरचना अन्ना के आदर्शों पर ही करेंगे। भविष्य की रणनीति पर केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश से इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता आ गए हैं जिनके साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
इस बीच, अरविंद केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी ने अरविंद केजरीवाल के पार्टी बनाने के फैसले पर हैरानी जताई हैं। किरण बेदी ने कहा, "आप अरविंद केजरीवाल से ही पूछिए कि उन्होंने किस कारण से पार्टी बनाने का फैसला किया जबकि उन्होंने साफ कहा था कि अगर अन्ना राजी नहीं हुए तो पार्टी नहीं बनाई जाएगी। मैं तो अब भी अन्ना के साथ आंदोलन से जुड़ी हुई हूं."
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