- गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन हॉल में बन छह काउंटर में खुलता है सिर्फ एक

-एक टिकट के लिए यात्रियों को घंटों लाइन में लगकर करनी पड़ती है जद्दोजहद

KANPUR। जहां रेलमंत्री यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आए दिन विभिन्न सेवाओं का शुभारंभ कर रहे हैं वहीं हाल्ट स्टेशन बनने जा रहे गोविंदपुरी स्टेशन में रिजर्वेशन टिकट के लिए घंटों लाइन में लगकर जद्दोजहद करनी पड़ती है। क्योंकि यहां बने 6 रिजर्वेशन काउंटर्स में पांच ज्यादातर बंद ही रहते हैं। ऐसे में सारा लोड एक ही काउंटर पर आ जाता है और टिकट के लिए घंटों लाइन में लगा रहना पड़ता है।

एक क्लर्क टिकट बनाने में असमर्थ

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक गोविंदपुरी स्टेशन में प्रतिदिन लगभग 6 हजार यात्री रिजर्वेशन हाल सेटिकट लेता है। रिजर्वेशन के लिए रेलवे अधिकारियों ने दो शिफ्ट में चार टिकट क्लर्क को तैनात कर रखा है। जिसमें एक क्लर्क दिव्यांग होने के कारण टिकट बनाने में असमर्थ है और पांच टिकट विंडो बंद रहते हैं। रेलवे सोर्सेज की मानें तो टिकट क्लर्क चार माह पूर्व ही तैनात किया गया है। जोकि पहले सेंट्रल स्टेशन में इंक्वायरी ऑफिस में कार्यरत था।

अनवरगंज व रावतपुर में दो विंडो

सेंट्रल स्टेशन के बाद शहर में सबसे अधिक रिजर्वेशन काउंटर टिकट अनवरगंज, गोविंदपुरी व रावतपुर स्टेशन से बनते हैं। अनवरगंज व रावतपुर में कुल मिलाकर दो विंडो हैं। जिससे यात्रियों को टिकट के लिए अधिक जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती है। जबकि दोनों जगह कुल 10 काउंटर्स होने चाहिए। इसकी रेलवे की ओर से स्वीकृति है और बने भी हुए हैं।

तत्काल टिकट तो भूल ही जाओ

सोर्सेज की मानें तो गोविंदपुरी स्टेशन में एक ही विंडो खुला होने के कारण तत्काल कोटे की टिकटों में भी खेल होता है। हालात यह होते हैं कि अक्सर तत्काल टिकट लेने के लिए लाइन में सबसे आगे खड़े यात्री को ही कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती है। इस बात पर अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन छोटे होने के कारण सर्वर धीमा चलता है। इसके चलते यह समस्या आती है।

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- रिजर्वेशन हॉल में एक ही काउंटर खुला होने के कारण घंटों लाइन में लगने के बाद ही टिकट मिलता है। इसके लिए रेलवे अधिकारियों को विचार करना चाहिए।

अवनीश कुशवाहा

- घंटों लाइन में लगने के बाद काउंटर के पास पहुंचो तो टिकट क्लर्क के पास अक्सर फुटकर रुपये की समस्या होती है। टिकट छोड़ पहले पैसे फुटकर कराने जाना पड़ता है।

अंकित मिश्रा

- जहां रेलमंत्री जी यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का शुभारंभ कर रहे हैं। वहीं उनके ही अधिकारी यात्री की समस्याओं की ओर विचार ही नहीं करते हैं।

मनीष गुप्ता

यह समस्या कई माह से है। तीन माह पूर्व दिल्ली के लिए रिजर्वेशन कराने आया था तो भी यहीं हालात थे। आज भी हालातों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

इंद्रजीत कुमार