कानपुर (ब्यूरो)। स्कॉडा सिस्टम के तहत जलकल के 120 नलकूप के आटोमाईजेशन का काम पूरा हो गया है। अब इन नलकूप को ऑनलाइन ऑपरेशन के साथ उनकी मॉनीटरिंग भी की जा सकेगी। इसके ऑटोमाईजेशन होने के चलते हर वर्ष करीब 36 लाख रुपये के खर्च को भी बचाया जा सका है। नलकूप के फाल्ट को ऑनलाइन देखकर उसका मैनुअल रिपेयरिंग का काम किया जा सकेगा। शुक्रवार को नगर आयुक्त ने जलकल ऑफिस के पांचवें तल पर बनें आटोमाईजेशन सेंटर का निरीक्षण कर इसकी जानकारी दी।

120 कर्मचारियों का भार हुआ काम
नगर आयुक्त शिवशरनप्पा जीएन ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत स्वीकृत 160 नलकूपों में से 120 नलकूप के ऑटोमाईजेशन का काम पूरा कर दिया गया है। बाकी नलकूपों के ऑटोमाईजेशन का काम 10 दिन के अन्दर पूरा करा लिया जाएगा। नलकूपों के ऑटोमाईजेशन का काम से प्रतिवर्ष करीब 36 लाख का खर्च कम होगा।

जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी
जीएम जलकल केपी आनंद ने बताया कि नलकूप के आटोमाईजेशन से 120 कर्मचारियों का खर्च भी कम होगा। ऑटोमाईजेशन एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिए एक साथ सभी नलकूपों को एक ही जगह से ऑपरेट किया जा सकता है। नलकूपों मे खराबी की जानकारी भी ऑनलाइन मिल जाएगी। लीकेज की भी जानकारी मिलने पर उसे जल्द से जल्द मैनुअल रिपेयर किया जा सकेगा। नलकूपों के आटोमाईजेशन हो जाने से लोगों को भी समय पर पेयजल सप्लाई की जा सकेंगी। गंगा बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व बेनाझाबर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के ऑटोमाईजेशन का काम भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पूरा कर दिया गया है। कानपुराइट्स को डिमांड के अनुरूप सप्लाई की जा सकेगी।