- यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी यूआईईटी इसकी योजना बना रहा है

- फ‌र्स्ट ईयर पूरा कर लिया है तो सर्टिफिकेट का यूज नौकरी या बिजनेस शुरू करने में कर सकेंगे

-01 ईयर पूरा करने के बाद पढ़ाई छोड़ी तो कभी भी लौटकर ले सकेंगे एडमिशन

-01 ईयर का सिलबेस ऐसा होगा कि चारों ईयर का सार उसमें समा सके

KANPUR: यदि आप बीटेक करने की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। दरअसल, बीटेक का सिलेबस बदलने जा रहा है। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने नए सेशन से नए सिलेबस से ही स्टडी कराने की तैयारी कर ली है। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी यूआईईटी इसकी योजना बना रहा है। बीटेक में नए सब्जेक्ट जोड़ने के लिए स्टूडेंट्स को उन्हें सिलेक्ट करने के अधिक मौके दिए जाएंगे। इसके अलावा बीटेक फ‌र्स्ट ईयर के बाद अगर कोई स्टूडेंट चाहे तो वह पढ़ाई बीच में छोड़कर जा सकता है। उसके बाद वह दोबारा कभी भी इस डिग्री कोर्स में लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेगा। स्टडी में यह सुविधा देने के लिए कोर्स को भी उसी तरह डिजाइन किया जा रहा है।

फ‌र्स्ट ईयर पूरा करने पर सर्टिफिकेट

अभी बीटेक छात्रों को फोर्थ इयर की पढ़ाई पूरी करने के बाद डिग्री मिलती है। जबकि नया कोर्स इस प्रकार डिजाइन किया जा रहा है जिससे फ‌र्स्ट ईयर में चारों वर्ष का सार समा सके। इसके बाद जैसे-जैसे बीटेक में पढ़ाई के ईयर और फेज बढ़ते रहेंगे वैसे-वैसे कोर्स को अपग्रेड किया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि फ‌र्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को इंजीनिय¨रग का प्रमाण पत्र मिल जाएगा और वह उसे नौकरी व स्वरोजगार में उसे दिखा सकेंगे। सेकेंड ईयर में डिप्लोमा, थर्ड ईयर में एडवांस डिप्लोमा और फोर्थ ईयर में बीटेक की डिग्री मिलेगी।

10 नए सब्जेक्ट भ्ाी जुड़ेंगे

बीटेक में करीब 10 नए सब्जेक्ट भी जोड़े जाने की योजना है जिससे स्टूडेंट अपने मुख्य विषयों के साथ उनमें से भी कोर्स का चयन कर सकेंगे। यूआइईटी निदेशक डॉ। रवींद्रनाथ कटियार ने बताया कि तकनीकी, इंडस्ट्री, स्किल डेवलपमेंट व लैब स्टडी सभी को बराबर रेशियो में कोर्स के अंतर्गत रखा जाएगा। कोर्स का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। सीएस, आईटी, मैकेनिकल, केमिकल, मैटीरियल्स साइंस एंड मैटलर्जिकल इंजीनिय¨रग व इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनिय¨रग इन ब्रांचों के लिए कोर्स डिजाइन किया जा रहा है।