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KANPUR : अगर आप किसी भी दुकान या मॉल से कोई भी सामान खरीदते हैं, तो दुकानदार आपको बिल देता है। यह नियम कंज्यूमर के फायदे के लिए बनाया गया है। जिसका कड़ाई से पालन भी कराया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि शहर के सभी शराब ठेकों और मॉडल शॉप्स पर बिलिंग के इस नियम-कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शराब के ठेके से लेकर मॉडल शॉप तक में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती है। वहां पर रसीद या बिल मांगने पर कस्टमर को टहला दिया जाता है। अगर इसके बाद भी वह जिद करता है, तो उसको शराब देने से मना कर देते है। अब सवाल है कि इससे उनको क्या फायदा होता है और कस्टमर को क्या घाटा होता है, तो आपको बताते है कि इससे ठेके वालों को मोटी कमाई होती है। वहीं, कस्टमर जरूरत पड़ने में क्लेम नहीं कर सकता है। वो कैसे, इसे जानने के लिए पढि़ए आई नेक्स्ट की ये रिपोर्ट

पीना है, तो बिना बिल के ही लेनी पड़ेगी

सिटी में गली से पॉश इलाके में देशी-अंग्रेजी शराब के ठेके, और मॉडल शॉप हैं। आई नेस्क्ट के रिपोर्ट ने मॉल रोड से लेकर चुन्नीगंज और साउथ के शराब के ठेके में जाकर पड़ताल की, तो वहां पर कस्टमर को बिल नहीं दिया जा रहा था। जिसे देखकर रिपोर्टर ने ठेके में बिल देने की शर्त पर शराब की बोतल खरीदने के लिए रहो, तो उसने कहा कि क्या इस शहर में नए आए हो। यहां पर बिल नहीं दिया जाता है। अगर बिल लेने के चक्कर में पड़ोंगे, तो कहीं शराब नहीं मिलेगी। यहीं अनुभव अन्य ठेके में भी रहा। इसके बाद स्वरूप नगर और मॉल रोड स्थित मॉडल शॉप गया, तो वहां पर भी यहीं हाल था। वहां वेटर कस्टमर से पहले रुपए लेकर बोतल लाकर दे रहा था। जिसके बाद चखना के लिए भी उनसे पहले पेमेंट वसूला जा रहा था। रिपोर्टर ने वहां पर भी बिल लेने की शर्त पर आर्डर किया, तो उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वेटर हंसते हुए बोले कि क्या पहली बार पीने आए हों। यहीं हाल अन्य मॉडल शॉप का था।

बार में थमा देते है कच्चा बिल

सिटी में ख्0 प्रतिशत शराब के शौकीन लोग बार में पीने जाते है। वहां पर ज्यादातर कस्टमर मीडिल और अपर क्लास के होते है। वहां पर कस्टमर को बिल तो दिया है, लेकिन वो कच्चा होता है। उसमें न तो बार का नाम लिखा होता है और न ही कोई नम्बर। वो सिर्फ कम्प्यूटर का प्रिंट होता है। रिपोर्टर ने वहां पर भी पक्का बिल देने की शर्त पर आर्डर करने के लिए कहा, तो वेटर ने कहा कि पहले आप काउंटर में मैनेजर से बात करें, उसके बाद ही आपका आर्डर लिया जाएगा। जिसके बाद वहां पर भी रिपोर्टर को टका सा जबाव मिला।

टैक्स बचाने और नकली शराब खपाने के लिए होता है सारा खेल

देशी दारु के ठेके से लेकर बार में बिल न देने के पीछे टैक्स चोरी का खेल होता है। जिससे उनको लाखों की कमाई होती है तो वहीं गर्वमेंट को करोड़ों रुपए की चपत लगती है। जिसके बाद वे जरूरत के हिसाब से बिल दिखा देते है। वहीं इसी की आड़ में वे हरियाणा की शराब भी कस्टमर को थमा देते है। जिसमें दो गुने से ज्यादा कमाई होती है। रिपोर्टर ने और पड़ताल की, तो पता चला कि वे बिल न देने की आड़ में कस्टमर को नकली शराब भी बेच देते है। जिससे उनको मोटी कमाई होती है। वे सहालग, होली समेत अन्य फेस्टिवल में नकली शराब खपा देते है।

आबकारी अधिनियम में बिल देने का नहीं है कोई प्रावधान

अब आप ये सुनकर चौंक जाएंगे कि देशी-अंग्रेजी शराब के ठेके पर बिल दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही इसके लिए कोई शासनादेश जारी किया है। यह जबाव खुद जिला आबकारी अधिकारी ने समाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट टीनू शुक्ला को आरटीआई में दिया है। एडवोकेट टीनू ने बताया कि दिल्ली निवासी उनके मुवक्किल शराब पीने के शौकीन है। वे वाइन शॉप में शराब की बोतल लेने गए थे। जहां बिल मांगने पर ठेके वाले ने बोतल देने से मना कर दिया। जिसके बाद उन्होंने उनके कहने पर आरटीआई डाली थी।

बिल लेने से हैं कई फायदे

अगर आप शराब की बोतल, अध्धी या क्वार्टर खरीदने के समय बिल नहीं लेते है, तो आप बड़ी भूल कर रहे है। एडवोकेट टीनू शुक्ला ने बताया कि बिल न लेने से आप ठेके वाले पर कोई क्लेम नहीं कर सकते है। जिससे कस्टमर को नुकसान उठाना पड़ सकता है। मसलन अगर आपको ठेके वाला नकली शराब की बोतल थमा देता है और उसको पीने के बाद आपको कोई नुकसान हो जाता है, तो आप बिना बिल के उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं दर्ज करा सकते है। साथ ही अगर ठेके वाला आपको तय रेट से ज्यादा रुपए लेता है, तो भी आप बिना बिल के उस पर क्लेम नहीं कर सकते है। उन्होंने बताया कि बिल लेने से कई फायदे है। इससे कोई भी ठेके वाला आपके साथ चीटिंग नहीं कर पाएंगा। वह नकली या हरियाणा की शराब बेचने में डरेगा। उनके मन में पकड़े जाने पर कार्रवाई होने का डर बना रहेगा,

इस नियम की भी उड़ाते है धज्जियां

अंग्रेजी शराब या बियर के ठेके में शराब पिलाने पर पाबन्दी लगाई गई है, लेकिन इसके बाद भी शहर के ज्यादातर शराब के ठेके में खुलेआम शराब पिलाई जाती है। वहां पर काम करने वाले कर्मचारी ज्यादा कमाई के लालच में खुद ग्लास, पानी और चखना बेचते है। यहीं हाल बियर की दुकानों में रहता है। वहां पर भी खुलेआम बियर पीते हुए लोगों को देखा जा सकता है। वहीं, देशी शराब के ठेके, मॉडल शॉप, बार में शराब पिलाने की सुविधा दी गई है। उसके भी मानक तय किए गए है, लेकिन शराब के ठेके में उसकी भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। मसलन देशी शराब के ठेके में बेसमेंट में शराब पिलाने का नियम है, लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जाता है।