-बगाही में रहता है परिवार, पिता रेलवे में अधीक्षक पद पर कार्यरत हैं

-नशीली चाय पिलाकर बेहोश किया, फिर चापड़ से गर्दन समेत शरीर के टुकड़े कर दिए

-पिता बेटे को गुमशुदा समझकर ढूढ़ते रहे, पुलिस तफ्तीश में वारदात का खुलासा

KANPUR : कलयुग में रिश्तों के कत्ल की एक और दर्दनाक दास्तां सामने आई। बाबूपुरवा में एक सिरफिरे आशिक को प्रेमिका से मिलने से मना करना इतना नागवारा लगा कि उसने अपने बड़े भाई का ही कत्ल कर दिया। उसने इतने खौफनाक तरीके से वारदात को अन्जाम दिया कि उसे सुनकर परिजनों समेत मामले की जांच कर रहे पुलिस कर्मियों तक की रूह कांप गई। उसने चापड़ से भाई का कत्ल किया और फिर उसके टुकड़े कर बोरे में भरकर गंगा में बहा दिए। इसके बाद उसने बचने के लिए उसके गुमशुदा होने की कहानी गढ़ दी, लेकिन पुलिसिया तफ्तीश में फंसने पर उसने खुद ही पुलिस चौकी जाकर जुर्म कबूल कर लिया।

भाई उसे सुधारने में लगा था

बाबूपुरवा बगाही में रहने वाले दिलीप श्रीवास्तव रेलवे कर्मी हैं। वो रूरा स्टेशन में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी पत्नी अनारकली की मौत हो चुकी है। परिवार मेंदो बेटे राहुल (23), दिनेश (21) और बेटी कंचन थे, जिसमें राहुल सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था, जबकि दिनेश गलत संगत से बिगड़ गया था। उसका यशोदानगर निवासी युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दिनेश की आवारागर्दी से दिलीप समेत घर वाले इतना परेशान थे कि उन लोगों ने उससे बात करना बन्द कर दिया था। राहुल भी दिनेश को सुधारने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी हरकतों में सुधार नहीं हुआ। इसी बीच उसको दिनेश के प्रेम प्रसंग का पता चला तो वो उसको प्रेमिका से मिलने से रोकने लगा, जब उसने देखा कि दिनेश ने प्रेमिका से मिलना बन्द नहीं किया तो उसने पिता से उसकी शिकायत कर दी। जिससे दिनेश भाई राहुल से नफरत करने लगा और उसने उसका कत्ल कर दिया।

मूर्ति विसर्जन के बहाने बहाई लाश

दिनेश भाई राहुल से इतनी नफरत करने लगा था कि वो उसकी हत्या करने का मौका ढूढ़ रहा था। 27 जुलाई को दिलीप ऑफिस के काम से इलाहाबाद और कंचन के कॉलेज जाने से उसको मौका मिल गया। आनन-फानन में वो घर के सामने मेडिकल स्टोर से नशीली गोली ले आया, जिसे उसने चाय में मिलाकर राहुल को पिलाकर बेहोश कर दिया और फिर उसने चापड़ से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर बॉडी के टुकड़े कर दिए। कंचन जब घर पहुंची तो वो शव के टुकड़ों को बोरे में भर चुका था। इसके बाद उसने खून को साफ कर चापड़ को घर के सामने मेडिकल स्टोर में छुपा दिया और फिर वो दोस्त नितिन को मूर्ति विसर्जन के बहाने बाइक से जाजमऊ ले गया। वहां पर वो गंगा में शव को बहाकर घर लौट आया।

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बार-बार बयान बदलने से फंसा

दिलीप 29 जुलाई को घर वापस आए तो कंचन ने उनको राहुल के घर से गायब होने के बारे में बताया। परेशान दिलीप ने उसे आसपास ढूढ़ा, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चलने पर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। जिसकी तफ्तीश कर रही पुलिस ने जब दिनेश से पूछताछ की तो बार-बार बयान बदलने से पुलिस को उस पर शक हो गया। इसके बाद पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर दोस्त नितिन को गिरफ्तार करने के साथ ही आलाकत्ल चापड़, खून से सनी शर्ट और बाइक बरामद कर ली।

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भगवान ऐसा भाई किसी को न दे

पुलिस को गुरुवार यानि रक्षाबंधन पर राहुल के मर्डर का पता चल गया था। उन्होंने इस बारे में उसके पिता दिनेश और बहन कंचन को बताया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आई नेक्स्ट ने कंचन से बात की तो वो भाई को याद कर फफक पड़ी। उसने रोते हुए कहा कि रक्षाबन्धन पर जब बहने भाई को राखी बांधकर उसकी लम्बी उम्र की दुआ करती हैं। उसी दिन उसको पुलिस से राहुल की मौत के बारे में पता चला। अब वो किसे राखी बांधेगी। उसने कहा कि उसका राम जैसा भाई मर गया, जबकि उसका दूसरा भाई कंस की तरह है। उसने कहा कि भगवान दिनेश जैसा भाई किसी को न दे। उसने दिनेश से खुद और पिता को भी खतरा बताया है।