कानपुर (ब्यूरो)। पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर में अब दूरस्थ सर्किल के बीच मामलों की सुनवाई ई कोर्ट (वर्चुअल कोर्ट) के माध्यम से की जाएगी। गुरुवार को इस संबंध में एसीपी नौबस्ता ऑफिस में प्रयोग किया गया। सफल प्रयोग होने के बाद नौबस्ता और घाटमपुर सर्किल के बीच में इस व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है। जल्द ही अन्य सर्किल पर भी ई कोर्ट की व्यवस्था शुरू हो जाएगी। जिससे वादी, प्रतिवादी और मामलों की सुनवाई करने वाले पुलिस अधिकारी को भी राहत मिलेगी।

जाना पड़ता था एक दूसरे के ऑफिस
पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद सीआरपीसी के अध्याय आठ में शांति कायम रखने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त को कार्यपालक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों का पालन करने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त घाटमपुर और नौबस्ता को एक-दूसरे के परिक्षेत्र के मामलों की सुनवाई करने उनके कार्यालयों में जाना पड़ता था। इससे समय का काफी अधिक नुकसान होता था। कई बार अन्य ड्यूटी की जिम्मेदारी की वजह से सुनवाई में भी व्यवधान पड़ता था।

करना पड़ता था इंतजार
इससे मामलों के वादी प्रतिवादी को भी इंतजार करना पड़ता था। अब ई-कोर्ट शुरू हो जाने से इन सारी समस्याओं का हल निकल आएगा। गुरुवार को एसीपी नौबस्ता के कार्यालय में प्रयोग के तौर पर ई-कोर्ट लगाकर देखी गई। उसमें वर्चुअल तरीके से 107/ 16 और 151 के मामलों की सुनवाई की गई। इस दौरान जेसीपी नीलाब्जा चौधरी, डीसीपी साउथा रविंद्र कुमार, एडीसीपी अंकिता शर्मा, एसीपी नौबस्ता अभिषेक कुमार पांडे, थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद पांडेय मौजूद रहे।

बिल्हौर और पनकी में भी जल्द
जेसीपी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि सर्किल की दूरी अधिक होने के कारण लोगों एवं अधिकारियों को आने जाने में समस्या होती थी। समय के साथ आर्थिक नुकसान होता था। उन्होंने बताया कि एसीपी नौबस्ता कार्यालय में किया गया प्रयोग सफल रहा है अब जल्द ही बिल्हौर और पनकी सर्किल में भी ई-कोर्ट की व्यवस्था की जाएगी। क्योंकि इन दोनों सर्किल की भी दूरी बहुत अधिक है।

पारदर्शिता भी मेनटेन रहेगी
दरअसल अभी तक शहर से दूर के सर्किल से वादी, प्रतिवादी को आने जाने में परेशानी होती थी। कई बार वादी प्रतिवादी आ तो जाते थे लेकिन अधिकारियों के न मिलने पर वापस जाना पड़ता था। नई व्यवस्था के चलते लोगों को परेशानी नहीं होगी, पारदर्शिता भी रहेगी।
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-वादी, प्रतिवादी, वकील, पुलिस अधिकारी सभी का समय बचेगा
-आने जाने में लगने वाले खर्च और मैनपावर की भी बच होगी
- ई कोर्ट के माध्यम से सुनवाई में पारदर्शिता भी मेनेटन रहेगी
- अधिकारी की व्यस्तता के कारण वादी, प्रतिवादी को लौटना नहीं पड़ेगा