कानपुर (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से एफिलिएटेड स्कूलों में 14 फरवरी तक रोड सेफ्टी को लेकर एक्टिविटीज होंगी। सीबीएसई डायरेक्टर (एकेडमिक्स) डॉ। जोसेफ इमैनुएल ने सभी स्कूल के ह़ेड्स को सुर्कलर जारी कर दिया है। जारी सुर्कलर में लिखा कि वल्र्ड रोड स्टैटिसटिक्स 2018 के आंकड़ों के अनुसार वल्र्ड के 199 देशों में इंडिया रोड एक्सीडेंट में पहले स्थान पर हैैं। सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट इसको कम करने को लेकर काम कर रही हैैं। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। ऐसे में पब्लिक को अवेयर करने के लिए स्कूलों में भी आयोजन होने चाहिए। जब बच्चे स्कूल से सीखकर घरों में जाएंगे और गार्जियंस को अवेयरनेस के बारे मेें बताएंगे तो प्रचार प्रसार ज्यादा होगा।

इसलिए स्कूलों में है जरुरी
रोड सेफ्टी को लेकर स्कूल्स में अवेयरनेस होना जरुरी है। रिटायर्ड प्रो। टीके मणि का मानना है कि स्कूलों में स्टूडेंट्स के गाड़ी से आने जाने का चलन बढ़ा है। अवेयरनेस कम होने के चलते ट्रैफिक रुल्स को तोडऩे के केस स्टूडेंट्स की ओर से ज्यादा होते हैैं। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए स्कूल्स में होने वाली एक्टिविटी से स्टूडेंट्स में अवेयनेस होगी, जिससे ट्रैफिक रुल्स के टूटने और एक्सीडेंट की संख्या मेें कमी आएगी। स्टूडेंट्स को अगर ठीक से समझाया जाएगा तो वह रुल्स को फालो करेंगे।

यह होंगी एक्टिविटी
रोड सेफ्टी मंथ के अंतर्गत स्कूलों में अलग अलग एक्टिविटीज कराई जाएंगी, जिसमें सेमिनार, वर्कशाप और ट्रेनिंग आदि शामिल हैैं। इन एक्टिविटीज में स्टूडेंट्स के बीच कॉम्पटीशंस भी कराए जा सकते हैैं। इसके साथ साथ एक्टिविटीज को रन कराते समय पुलिस अफसर या किसी अन्य एक्सपर्ट को स्कूल में बुलाया जा सकता है। सीबीएसई ने अपने सर्कुलर में लिखा कि इन एक्टिविटीज मेें स्टूडेंट्स के साथ साथ ड्राइवर्स और स्टाफ को भी शामिल किया जाना है। कोशिश यह है कि स्कूल में होने वाली एक्टिविटीज से निकलने वाला मैसेज पब्लिक के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचे।