मुंबई पुलिस ने इस घटना पर एक केस भी दर्ज किया था। बाल अधिकार आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी एएन त्रिपाठी ने बीबीसी को बताया, "हमने पुलिस से ये पूछा है कि आपने जो केस दर्ज किया था, उसकी छानबीन पूरी हुई या नहीं। इस पर पुलिस विभाग ने पूरा सहयोग देने का वादा किया है."

अमित मारु नामक एक व्यक्ति ने आयोग से आठ अगस्त को शाहरुख़ ख़ान के खिलाफ बच्चों के सामने गंदे शब्दों के इस्तेमाल करने का इलज़ाम लगाया था।

शाहरुख़ का रवैया गैर-ज़िम्मेदाराना

अमित मारु ने आयोग से आग्रह किया था कि वो पुलिस को शाहरुख़ ख़ान के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे। आयोग के सदस्य त्रिपाठी के मुताबिक, आयोग ने अमित मारु से यह पूछा है कि उन्होंने जो इलज़ाम लगाए हैं, उससे बाल अधिकारों का हनन कैसे होता है। अगर पुलिस ने मामला दर्ज किया तो शाहरुख़ खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

इस साल मई महीने में एक आईपीएल मैच के बाद शाहरुख़ खान अपने बच्चों के अलावा कुछ और बच्चों की मौजूदगी में वानखेड़े स्टेडियम के सुरक्षाकर्मियों से उलझ गए थे।

कहा जाता है कि गुस्से में उन्होंने अंग्रेजी में गालियाँ भी दी थीं। पहले तो उन्होंने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्हें अपने किए पर पछतावा है। इस पूरे मामले की वजह से मुंबई क्रिकेट बोर्ड ने शाहरुख़ पर वानखेड़े स्टेडियम में दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी थी।

 

 

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