- हैलट अस्पताल में व्यवस्थाएं देखने पहुंचे डीएम व एसएसपी

- अधिकारियों के सामने ही उजागर हुईं खामियां

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KANPUR। सीएम साहब, यहां सीएमएस को सस्पेंड करने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि हैलट में व्यवस्थाओं का ढांचा ही बिगड़ा हुआ है। जब तक जमीनी स्तर पर काम नहीं होंगे। अस्पताल में बजट बढ़ाकर सुविधाएं नहीं बढ़ाई जाएंगी तब तक ऐसा ही चलेगा। इसकी बानगी बुधवार को डीएम कौशल राज शर्मा व एसएसपी शलभ माथुर के हैलट निरीक्षण के दौरान देखने को मिली। जब दोनों अधिकारियों के सामने ही कई तीमारदार अपनी-अपनी समस्याएं लेकर खड़े हो गए। किसी को एंबुलेंस नहीं मिल रही थी, किसी को स्ट्रेचर नहीं मिल रहा था। और तो और एक मरीज को हैलट में मौजूद दवाएं तक नहीं मिल रही थीं। जिसे डीएम को खुद दवा दिलानी पड़ी।

साहब, एंबुलेंस नहीं मिल रही है

चौबेपुर निवासी गोपाल की पत्नी अंचला 22 अगस्त को डिलवरी के लिए जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती हुई थी। डिलवरी के बाद मंगलवार सुबह उसे डिस्चार्ज किया गया। अंचला के ससुर राम कुमार ने बताया कि एंबुलेंस के लिए सुबह से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। डीएम के निरीक्षण के समय रामकुमार अपनी शिकायत करने डीएम के पास पहुंचे तब जाकर स्वास्थ महकमा हरकत में आया।

नहीं मिला मरीज को स्ट्रेचर

औरैय्या निवासी राम लाल पाण्डेय के पुत्र मोनू पाण्डेय को पैरालिसिस का अटैक करीब तीन माह पहले पड़ा था। मंगलवार को हैलट ओपीडी में दिखाने के लिए मोनू के परिजन लाए, लेकिन उसे भी स्ट्रैचर नहीं मिला। उन्होंने भी डीएम से शिकायत की, तब जाकर स्ट्रेचर मिल सका।

डीएम को ही दिलवानी पड़ी दवा

आवास विकास हंसपुरम निवासी सुनीता तिवारी का एक्सीडेंट में पैर टूट गया था। मंगलवार को उन्हें हैलट ओपीडी में दिखाने के लिए लाया गया। यहां डॉ। अजय भारती ने ओपीडी में देखने के बाद उन्हें दवा लिख दीं, सबसे खास बात ये कि सारी दवाएं बाहर ही मिलने वाली थीं। परिजनों ने मौके पर खड़े डीएम से शिकायत की, डीएम वितरण केंद्र पहुंचे तो उसे दवा मिल सकी। दवा अस्पताल में मौजूद होने के बाद भी उन्हें बाहर से दवा लेने को कहा गया था। डीएम ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जो दवाएं उपलब्ध हैं। वो मरीज को दी जाएं।

बाल रोग अस्पताल के बाहर खुलेगा गेट

डीएम व एसएसपी ने निरीक्षण के दौरान सबसे पहले बाल रोग अस्पताल पहुंचे। यहां पर अस्पताल के ठीक सामने का गेट खोलने के निर्देश दिए ताकि मरीज सीधे अस्पताल आ सकें और हैलट इमरजेंसी की ओर से आने का चक्कर बचे। वहीं यहां पर सामने के इनक्रोचमेंट को हटाने के निर्देश दिए। खाली पड़ी जमीन पर सौंदर्यीकरण कर तीमारदारों के बैठने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जच्चा-बच्चा अस्पताल के सामने पार्किग बनाने को कहा।

बाल रोग को मिलेंगे 20 पंखे

बाल रोग अस्पताल को 20 पंखे देने के निर्देश केस्को को दिए गए। वहीं तत्काल चार स्ट्रेचर मुहैय्या कराए गए। डीएम ने निरीक्षण के दौरान कहा कि बाल रोग अस्पताल को 10 और स्ट्रेचर दिलाए जाएंगे। हैलट ओपीडी में मरीजों का भार देखते हुए डीएम ने वहां पर 2 पीआरओ की तैनाती को कहा।

जांच पूरी, शाम को शासन भेजी जाएगी रिपोर्ट

डीएम ने कहा कि शुक्रवार को पिता की गोद में बच्चे के दम तोड़ने की घटना की जांच शाम तक पूरी हो जाएगी। जिसके बाद रिपोर्ट भी शासन को भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि हैलट अस्पताल की व्यवस्थाओं में अभी काफी सुधार की जरुरत है।

टीम ने मंगलवार को भी लिए बयान

एसीएमओ डॉ। एके श्रीवास्तव, एसीएम 6 आरपी त्रिपाठी व एसीएम 7 अंजूबाला ने मंगलवार को भी दिन भर हैलट में बयान दर्ज किए। अस्पताल में शुक्रवार को हुई घटना के समय स्टाफ कर्मचारी व जेआर से बयान लिए गए।

ईएमओ ने दी गलत जानकारी

मेडिकल कालेज प्रशासन ने भी बच्चे की मौत के मामले पर मंगलवार को दो पर कार्रवाई सुनिश्चित की। मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ। नवनीत कुमार ने बताया कि ईएमओ डॉ। मयंक ने जांच के दौरान गलत कहा कि उनकी ड्यूटी नहीं थी। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ को संस्तुति भेजी जाएगी। वहीं शुक्रवार को ही पीआरओ के तौर पर पल्लवी काम कर रही थीं। मजिस्ट्रेटी रिपोर्ट में अगर उन्हें दोषी पाया जाता है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर ईएमओ डॉ। महीप को फुल टाइम इंचार्ज बना दिया गया है।