- एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट पर फोकस करें
- एचबीटीयू के इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में एक्सपर्ट ने दिए लेक्चर
KANPUR: टेली कम्युनिकेशन कंपनियां आम लोगों को 4 जी के नाम पर धोखा दे रही हैं। दरअसल पब्लिक को 4 जी के बारे में सही जानकारी नहीं है। हकीकत तो यह है कि कंपनियां 4 जी की जगह 3.5 जी की स्पीड दे रही है। 4 जी में स्पीड 100 मेगाबाइट पर सेकेंड मिलनी चाहिए जो कि नहीं मिल रही है। कंपनियां दावा कुछ भी करें। 4 जी न मिलने का मेन रीजन फिल्टर और डिजाइन सिस्टम है। यह सिस्टम जब तक बेहतर नहीं होगा तब तक 4 जी ऑन पेपर ही मिलेगा हकीकत में नहीं मिल पाएगा। यह जानकारी एचबीटीयू के इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट एक्सपर्ट लेक्चर के दौरान टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंजीनियरिंग कॉलेज के डायेक्टर प्रो गीतम सिंह तोमर ने व्यक्त किए।
रिसर्च पर करना हाेगा फोकस
इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में आयोजित लेक्चर में प्रो तोमर ने बताया कि वर्ल्ड रैंकिंग में इंडियन एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट पर फोकस न करना है। जब तक इस दिशा में काम नहीं किया जाएगा तब तक हमारे टॉप क्लास के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट हमेशा वर्ल्ड रैंकिंग में पिछड़ते रहेंगे। हालांकि अब टाइम के साथ कुछ बदलाव की बयार बहना शुरू हुई है, लेकिन अभी एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस को उतना फंड आरएण्डडी के नाम पर नहीं मिल रहा है, जितने की जरुरत है। डिपार्टमेंट में आयोजित एक्सपर्ट लेक्चर को कोआर्डिनेट प्रो मनोज शुक्ला ने किया। इस मौके पर डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग प्रो सुनील कुमार, प्रो यदुवीर सिंह, डिपार्टमेंट हेड प्रो रचना अस्थाना मौजूद रहीं।
वर्ल्ड रैंकिंग के लिए कसौटी
2.5 परसेंट इनोवेशन
7.5 परसेंट कोलेबरेशन
30 परसेंट टीचिंग
30 परसेंट रिसर्च वर्क
30 परसेंट पब्लिकेशन