कानपुर(ब्यूरो)। बारिश के साथ ही पूरे देश से तबाही के मंजर सामने आने लगे हैं। कहीं बाढ़ आ रही है तो कहीं पहाड़ दरक रहे हैं। कहीं बिजली गिर रही है तो कहीं पुल ढह रहे हैं। इन सभी में जान माल का भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे नेचुरल डिजास्टर और दुर्घटनाओं को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन पीडि़तों के जख्मों पर मुआवजे का मरहम जरूर लगा सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको जानना होगा कि प्राकृतिक आपदाओं और किन परिस्थितियों में मुआवजा देने का नियम हैं और कैसे आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं।
ये आपका हक है
अगर आपके परिवार में कोई हादसा हो जाता है या प्राकृतिक आपदा से परिवार में जन हानि हो जाती है और आपके पास कोई मुआवजा दिलाने के लिए आ जाता है तो सावधान रहिए। ये मुआवजा आपका हक है और सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि है। जिस पर केवल आपका अधिकार है। इसलिए मुआवजे के लिए किसी दलाल के चक्कर में न पड़ें। खुद जानकार बनें। अपने अधिकारों को जानें और उनका प्रयोग करते हुए मुआवजे के लिए आवेदन करें।

सावधानी बरतनी होगी
पोस्टमार्टम के बाद शव घर तक पहुंचाने और अंतिम संस्कार करने के बाद एजेंट आपसे संपर्क करेंगे और इसके बाद शुरू होगा मुआवजे की राशि का बंदरबांट। जिस राशि पर केवल आपका अधिकार है। उसके तीन हिस्से तुरंत हो गए। आपको राशि मिलने से पहले ही बिचौलिए परसेंटेज तय कर लेते हैं। इस दौरान जो सबसे बड़ी सावधानी आपको बरतनी है, वह ये है कि आपको किसी भी कागज पर बहुत सोच समझ कर सिग्नेचर करने हैं और पोस्टमार्टम से मिली स्लिप किसी को नहीं देनी है।

इन मामलों में मिलता है इतना मुआवजा
- आग से तबाही (नुकसान का आंकलन होने पर)
- आग लगने की वजह से मौत होने पर (3.5 लाख रुपये)
- पेड़ के नीचे दबने पर (2.5 लाख रुपये)
- बिजली से चिपक जाने पर (1.5 से 2 लाख रुपये)
- आकाशीय बिजली गिरने पर (3.5 लाख रुपये)
- नदी, नहर, तालाब में डूबने पर (2.5 लाख रुपये)
- बारिश से जान माल के नुकसान पर (5.5 लाख रुपये)
- बारिश या आग से फसलों के नुकसान (आंकलन होने पर)
- बारिश के दौरान खुले मेनहोल में गिरने पर (6.5 लाख रुपये)
- सांप या अन्य जहरीले जानवर के काटने पर (4.0 लाख रुपये)

इन स्थितियों में भी मुआवजे के हकदार
- जहरीली शराब से मौत होने पर (3.5 लाख रुपये)
- ट्रेन एक्सीडेंट और प्लेन क्रैश (4.5 लाख रुपये)
- जंगली जानवर के हमले से मौत पर (2.5 लाख रुपये)
- सिलेंडर में आग से मौत होने पर (1.5 लाख रुपये)
- एनएच या एक्सप्रेस वे पर हादसे से मौत पर (4.5 लाख रुपये)
- सडक़ हादसे में घायल होने पर (50 हजार रुपये)

कौन कर सकता है दावा
क्षतिग्रस्त संपत्ति के मालिक, हादसे में मारे गए मृतक के सभी या कोई भी कानूनी प्रतिनिधि, घायल व्यक्ति के रिश्तेदार या जिसे घायल परमिशन दे। हादसे में मारे गए मृतकों के सभी या कोई भी कानूनी प्रतिनिधि दावा कर सकता है।

कैसे आवेदन करें
एमवी एक्ट की धारा 166 के तहत 10 रुपये के कोर्ट-शुल्क पर क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि ये आवेदन दुर्घटना के छह महीने के भीतर करना होता है।

आवदेन कहां दायर करें
- जहां दुर्घटना हुई है, उस क्लेम ट्रिब्यूनल के अधिकार क्षेत्र में।
- क्लेम ट्रिब्यूनल के स्थानीय सीमा के भीतर जहां दावेदार निवासी है
- जिनके अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमा के भीतर प्रतिवादी रहता है।

मुआवजे के लिए किन दस्तावेज की आवश्यकता
- दुर्घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की फोटो कॉपी।
- एमएलसी/पोस्टमार्टम रिपोर्ट/मृत्यु रिपोर्ट की फोटो कॉपी।
- मौत के मामले में दावेदारों और मृतकों की पहचान के दस्तावेज।
- उपचार रिकॉर्ड के साथ उपचार पर किए गए खर्च का बिल।
- मृतक की शैक्षिक योग्यता के दस्तावेज, यदि कोई हो तो।
- विकलांगता प्रमाण पत्र, यदि व्यक्ति पहले से ही विकलांग हो।
- मृतक या घायल की आय का प्रमाण।
- पीडि़त की उम्र से संबंधित दस्तावेज।
- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर नोट, यदि कोई हो।