- रिजर्वेशन टिकट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है

- वायुसेना कर्मी के दाखिल मुकदमें में रेलवे को क्लेम देने का आदेश

KANPUR : अगर आप रिजर्वेशन टिकट लेकर ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो आपकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है। सामान चोरी हो जाने पर आप कन्ज्यूमर फोरम की दहलीज पर जाकर दावा कर सकते हैं। फोरम आपके साक्ष्य देखेगा और चोरी गए सामान के एवज में रेलवे से हर्जाना दिलाएगा। जी हां, फोरम के एक ऐसे ही फैसले के बारे में आपको बता रहे हैं। जिसमें ट्रेन से जेवर गायब हो जाने पर फोरम ने रेलवे को भुगतान करने का आदेश दिया है।

मामला एयरफोर्स कॉलोनी चकेरी के रहने वाले एयरफोर्स कर्मी अवधेश कुमार चौधरी का है। कन्ज्यूमर फोरम में सचिव रेलवे, जनरल मैनेजर ईस्ट-सेंट्रल रेलवे के खिलाफ दाखिल किए गए मुकदमे में उन्होंने बताया कि 25 जनवरी 2014 को भुवनेश्वर-नई दिल्ली सुपर फास्ट एक्सप्रेस से अपनी पत्नी, बच्चों के साथ चक्रधरपुर से कानपुर आ रहे थे। एस-7 कोच में 55-56 नम्बर बर्थ पर उनका रिजर्वेशन था। जब यह ट्रेन गोमो स्टेशन झारखण्ड पहुंची। तब उनकी पत्नी ने देखा कि उसका पर्स चोरी चला गया है, जिसमें 4.90 लाख के जेवर थे।

कोच में नहीं थी कोई सुरक्षा

पर्स चोरी होने की शिकायत दर्ज करने के लिए टीटीई से कहा गया, लेकिन टीटीई कोच से चले गए। कोच में न तो आरपीएफ जवान और न ही कोई सुरक्षा थी। ट्रेन के कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पर पहुंचने के बाद जीआरपी में एफआईआर दर्ज कराई गई, जो फैक्स के जरिए गोमो स्टेशन के जीआरपी को भेजी गई। वादी एयरफोर्स कर्मी ने यह भी कहा कि उनका परिवार साले की शादी से वापस लौट रहा था और जो गहने चोरी गए हैं, वे पत्नी ने शादी में पहने थे। इस संबंध में शादी की सीडी समेत कई साक्ष्य भी वादी ने फोरम को दिए।

रेलवे ने सेवा में कमी की

फोरम ने जवाब देने के लिए रेलवे के अधिकारियों को नोटिस भेजा। रेलवे की तरफ से जवाब दिया गया कि यह झूठा क्लेम लेने के लिए मनगढंत कहानी बनाई गई है। यह भी कहा कि इस परिवाद के निस्तारण का अधिकार फोरम को नहीं है। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद माना कि रेलवे ने सेवा में कमी की है। सेना में सेवारत व्यक्ति के पास इतना समय नहीं होता कि वह झूठे मुकदमे कर क्लेम लें। फोरम ने वादी के पक्ष में फैसला दिया। विपक्षी रेल अधिकारियों को आदेश दिया कि चोरी गए गहनों की क्षतिपूर्ति के 4 लाख रुपए व मुकदमा खर्च के रूप में 25 हजार रुपए 30 दिन के अंदर दें।

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ऐसे लें फोरम का सहारा

कन्ज्यूमर फोरम में मुकदमा दाखिल करने के लिए आपको किसी वकील की भी जरूरत नहीं है। एक सादे कागज पर अपनी शिकायत दर्ज करिए, जिसे फोरम स्वीकार करेगा।