-डीजीपी की रिसर्च में लूट के मामलों में कानपुर प्रदेश में टॉप फाइव पर

-दोपहर और शाम को एक्टिव रहते हैं लुटेरे, टारगेट में महिलाएं और व्यापारी

KANPUR : बर्रा में गुरुवार को थाने के सामने वाली गली में बाइकर्स लुटेरों ने छात्र का मोबाइल लूट लिया। यह तो सिर्फ बानगी है। शहर में हर दिन औसतन दो लूट की वारदात हो रही है। इसलिए अगर इस शहर में रहना है तो अपनी सुरक्षा का इंतजाम भी खुद ही कर लीजिए। चोर-लुटेरे शहर में हर जगह घात लगाए बैठे हैं। पुलिस की हीलाहवाली से लुटेरे इतने बेखौफ हो चुके है कि अब वे हाई सिक्योरिटी एरिया में भी वारदात करने लगे हैं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि खुद पुलिस की रिसर्च में यह बात सामने आई है। आपको बताते हैं पुलिस के रिसर्च के कई अन्य पहलू

सॉफ्टवेयर के जरिये रिसर्च

यह रिसर्च खुद डीजीपी जावीद अहमद ने कराई है। उन्होंने वेस बेस्ट क्राइम मैपिंग सॉफ्टवेयर के जरिये यह रिसर्च शुरू करवाई थी। जिसमें कानपुर का नाम टॉप फाइव में आया। जिसे देखते हुए डीजीपी ने एसएसपी को चिन्हित प्वॉइंट और टाइम पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया है। अगर पुलिस की रिसर्च पर गौर करें तो लुटेरों के टारगेट में ज्यादातर महिलाएं और व्यापारी रहते हैं। महिलाएं उनका सबसे सॉफ्ट टारगेट रहता है। इसलिए वे उन्हें राह चलते लूट लेते हैं, जबकि व्यापारी या किसी प्रतिष्ठान कर्मी को लूटने के पहले वे रेकी कर पुख्ता योजना बनाते हैं। इसके बाद वे वारदात को अन्जाम देते हैं। व्यापारियों में भी सबसे ज्यादा सर्राफा कारोबारी उनके निशाने में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सर्राफा कारोबारी खुद ही रुपए या जेवरात का लेनदेन करने जाते हैं। इसलिए वे लुटेरों के टारगेट में रहते हैं। इसके अलावा बैंक से रुपए निकालने वाले कर्मी भी उनके निशाने पर रहते हैं।

खुलेआम वारदात की जगह सेफ

अभी तक सुनसान एरिया में लूट का खतरा रहता था, लेकिन रिसर्च की माने तो अब चलती-फिरती रोड पर भी लूट का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। पिछले दिनों श्यामनगर में पुलिस चौकी के पास कैश एजेंट से लूटकांड इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। रिपोर्ट में सामने आया है कि लुटेरों ने वारदात करने का तरीका बदल दिया है। पहले वे पहचान और पकड़े जाने के डर से सुनसान एरिया में वारदात करते थे, लेकिन अब वे खुलेआम वारदात करने को सेफ मानते हैं। वे हेलमेट या नकाब से चेहरा ढककर पहचान को छुपा लेते हैं। वहीं, उनको खुलेआम वारदात करने से भागने का मौका मिल जाता है।

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सुबह चेन लूट की घटना ज्यादा

रिपोर्ट में लूट की टाइमिंग का भी जिक्र किया गया है। लुटेरे दोपहर में दोपहर में एक बजे से तीन बजे तक एक्टिव रहते हैं, जबकि शाम को पांच बजे से सात बजे के बीच वे सबसे ज्यादा वारदात करते हैं। लूट के ग्राफ से भी इसकी पुष्टि हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक रात में सिर्फ घर में घुसकर लूट की घटनाएं होती हैं, जबकि भोर में चेन लूट की घटनाएं होती हैं। वहीं रिसर्च के मुताबिक लूट की बढ़ती घटनाओं के पीछे पुरानी वारदातों का खुलासा न होना भी एक बड़ा कारण है। उनको पकड़े जाने का डर नहीं रहता है। इसीलिए वे और वारदातें करने लगते हैं।

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हाल में ही खुलेआम हुई वारदात

-घाटमपुर में बाइकर्स लुटेरों ने सर्राफा कारोबारी को लूटा।

-नजीराबाद में सर्राफा कारोबारी के घर में घुसकर लूटपाट।

-कल्याणपुर में सर्राफा कारोबारी को दुकान में गोली मारकर लूट।

-श्यामनगर में बाइकर्स लुटेरों ने कैश एजेंट को गोली मारकर 22 लाख की लूट की।

-नजीराबाद में बाइकर्स लुटेरों ने महिला का पर्स लूटा।

-कम्पनी बाग चौराहे पर बाइकर्स ने स्कूटी सवार महिला की चेन लूटी।