कानपुर (ब्यूरो)। कानपुर के आसपास के सात जिलों के 617 डिग्री कालेजों को एफिलिएटेड करने वाले सीएसजेएमयू की शुरुआत 1966 में सर्वोदय नगर में आरटीओ के सामने एक बंगले से हुई थी। एक बंगले से अपनी शुरुआत करने वाले सीएसजेएमयू ने नित नए आयाम गढ़ते गढ़ते कल्याणपुर में 264 एकड़ के मेगा कैंपस के साथ 2023 में नैक ए प्लस प्लस ग्रेड पाने का तमगा हासिल किया है। यहां के पहले वीसी प्रो। जुगल किशोर थे, जिनका कार्यकाल 09.061966 से 08.06.1969 तक रहा है। वर्तमान वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक यहां के 27वें वीसी हैैं जो कि 120.4.2021 से कार्यरत हैैं। तो आइए आज सीएसजेएमयू के 59वें फाउंडेशन डे के मौके पर आपको यहां की हिस्ट्री और वर्तमान से परिचित कराते हैैं।

1966 से पहले आगरा यूनिवर्सिटी से
सीएसजेएमयू (पूर्व में कानपुर यूनिवर्सिटी) की स्थापना वर्ष 1966 में हुई थी। स्थापना से पहले, इसके आसपास के कॉलेजों का एफिलिएशन आगरा यूनिवर्सिटी से था। साल 1949 में, राधा कृष्णन आयोग ने आगरा यूनिवर्सिटी पर दबाव कम करने के उद्देश्य से कानपुर में एक यूनिवर्सिटी की स्थापना का सुझाव दिया। इस मांग को पूरा करने के लिए, वर्ष 1966 में, स्टेट गवर्नमेंट ने कानपुर और मेरठ यूनिवर्सिटी अधिनियम 1965 के तहत आरोह तमसो ज्योति (अंधेरे से प्रकाश की ओर उठना) के साथ कानपुर यूनिवर्सिटी की स्थापना की। प्रस्तावना में कहा गया है कि कानपुर यूनिवर्सिटी शुरू में एक संबद्धता चरित्र रखेगा, लेकिन धीरे-धीरे आवासीय यूनिवर्सिटी का रूप ग्रहण करेगा।

सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग
वर्ष 1971-72 में कल्याणपुर में जीटी रोड के किनारे 264 एकड़ जमीन स्टेट गवर्नमेंट और कानपुर नगर निगम की सहायता से खरीदी गई थी, यहां सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक, ओल्ड गेस्ट हाउस, वीसी, रजिस्ट्रार, फाइनेंस कंट्रोलर और कर्मचारी निवास को बनाया गया था। 1993-1994 तक, 84 एफिलिएटेड कॉलेज, 11 फैकल्टी, 4000 टीचर और 80000 स्टूडेंट्स थे।

साल 2000 में इंजीनियरिंग का पहला बैच
1997 तक यूनिवर्सिटी ने एक समृद्ध नियमित एकेडमिक कल्चर को डेवलप कर लिया था। कई जॉब ओरिएंटेड और प्रोफेशनल कोर्स (बीटेक, एमबीए और बीएड) शुरू करके अपने रेजिडेेंशियल कैरेक्टर की स्थापना की। कैंपस में स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी)ने वर्ष 2000 में इंजीनियरों के अपने पहले बैच को पासआउट किया।

मेडिकल कालेज का भी एफिलिएशन
वर्ष 2004 में 202 कॉलेज थे जिनमें से 77 एडेड और 125 सेल्फ फाइनेंस थे। यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 20 आयुर्वेदिक और यूनानी कॉलेज थे, जिनमें 10 गवर्नमेंट और 10 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज सहित घटक कॉलेज भी थे। जीएसवीएम मेडिकल कालेज अभी भी सीएसजेएमयू से ही एफिलिएटेड है।

डिग्री, माइग्रेशन, प्रोविजनल, करेक्शन समेत हर फैसिलिटी आनलाइन
सीएसजेएमयू में पढ़ रहे या पढ़ चुके स्टूडेंट्स को किसी भी डाक्यूमेंट को जाी कराने के लिए कैंपस आने की जरुरत नहीं है। यहां डिग्री, माइग्रेशन, प्रोविजनल, मार्कशीट करेक्शन, वेरिफिकेशन समेत कई जरुरी डाक्यूमेंट्स को आनलाइन अप्लाई और जारी कराया जाता है। इतना ही नहीं कैंपस में स्टूडेंट्स की हेल्प के लिए स्टूडेंट सपोर्ट सेल (एसएससी) को बनाया गया है। अगर आप किसी शिकायत को दर्ज कराना चाहते हैैं तो स्टूडेंट सपोर्ट सेल और स्टूडेंटस कंप्लेंट सेल की फैसिलिटी आनलाइन मौजूद है।

94 एकेडमिक प्रोग्राम, 7869 स्टूडेंट और 250 से ज्यादा फैकल्टी
सीएसजेएमयू की वर्तमान स्थिति की बात करें तो यहां पर इस समय 94 एकेडमिक प्रोग्राम्स को चलाया जा रहा है, जिसमें 7869 स्टूडेंट पढ़ रहे हैैं। अगर फैकल्टी मेंबर्स की बात करें तो यहां 250 से ज्यादा फैकल्टी मेंबर्स हैैं। स्टूडेेंट्स के स्टार्टअप की बात करें तो यहां की इंक्यूबेशन सेल से 14 स्टार्टअप कंपनीज इंक्यूबेट हैैं। टेक्नोलॉजी की बात करें तो 82 पेटेंट सीएसजेएमयू के पास हैैं। यहां के रिसर्च स्कालर और फैकल्टी के द्वारा 1846 रिसर्च पेपर पब्लिश किए जा चुके हैैं।

इनसे बढ़ रही ब्यूटी
सीएसजेएमयू में एजुकेशन के साथ साथ कुछ ऐसी चीजें हैं जो कि इसकी ब्यूटी को बढ़ाने का काम करती हैैं। कैंपस में अमृत सरोवर, मेडिसिनल गार्डेन, ओपेन जिम, स्टेडियम, सेवा उद्यान, स्वीमिंग पुल समेत कई ऐसी चीजें हैैं जो कि यहां की ब्यूटी को बढ़ाने का काम करती हैैं।