कानपुर (ब्यूरो) । सपा विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ आगजनी के मुकदमे में विचारण न्यायालय के हाल-फिलहाल फैसला सुनाने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। इरफान के भाई रिजवान की याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 10 अक्टूबर लगाई है। एमपी एमएलए कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई थी।

इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान समेत पांच अभियुक्तों के खिलाफ आगजनी के मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है। इरफान के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने सुनवाई के दौरान एमपी एमएलए कोर्ट में वादिनी नजीर फातिमा द्वारा दी एफआइआर लिखाने के लिए दी गई गई अर्जी पर उसकी बेटी कनीज जेहर के हस्ताक्षर होने की बात कहते हुए दोनों की हैंडराइङ्क्षटग की जांच एक्सपर्ट से कराने की अर्जी दी थी।

इसके साथ ही वादिनी नजीर फातिमा, उसके बेटी कनीज जेहर, इरफान, उसके भाई रिजवान, गवाह नसीम आरिफ, अकील अहमत के मोबाइल की लोकेशन व सीडीआर की कापी दिलाने की अर्जी दी थी। कहा था कि इन लोगों के लोकेशन घटना स्थल पर नहीं थी। एमएपी एमएलए कोर्ट ने यह दोनों अर्जी खारिज कर दी थी। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि यह दोनों अर्जी खारिज करने की अपील रिजवान की तरफ से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में की गई। न्यायमूर्ति राजबीर ङ्क्षसह की कोर्ट ने बुधवार को इसकी सुनवाई कर अगली तारीख 10 अक्टूबर तक विचारण न्यायालय के फैसला सुनाने पर रोक लगा दी है।