-धनकुट्टी निवासी टीचर के परिवार का है मामला, बेटी की गलत हरकतों से परेशान था

- बेटी की हालत बिगड़ने पर हैलट में कराया एडमिट फिर बिना बताए रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया

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KANPUR : कैंट में मंगलवार को एक बेबस पिता ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। वो बेटी की गलत हरकतों से परेशान था। उसने जान देने से पहले बेटी को मारने की कोशिश की थी। उसने उसको मारने के लिए जहरीला पदार्थ खिला दिया था, लेकिन उसकी हालत को बिगड़ते देख पिता पसीज गया और वो उसको आनन-फानन में हैलट ले गया। वहां पर वो बेटी को एडमिट कराकर बिना किसी को कुछ बताए रेलवे ट्रैक पर जान देने चला गया। वहां पर ट्रेन आते ही वो उसके सामने कूद गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर जाकर जांच कर शव को पोस्टमार्टम भेज दिया। पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला है।

हाईस्कूल की छात्रा है

धनकुट्टी के रंजीतपुरवा में रहने वाले रंजीत शर्मा उन्नाव स्थित एक स्कूल में टीचर थे। उसके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। जिसमें बेटी रचना (दोनों काल्पनिक नाम) मैथाडिस्ट स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा है। रचना गलत संगत के चलते बिगड़ गई थी। रंजीत को रचना की गलत हरकतों के बारे में पता चला तो उसने रचना को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुई, बल्कि वो उल्टा कुछ भी समझाने पर पिता से भिड़ जाती थी। रंजीत ने उसे सुधारने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन रचना इस कदर तक बिगड़ गई थी कि वो अच्छे-बुरे की पहचान नहीं कर पा रही थी।

छात्रा का आईसीयू में इलाज

इधर, उसकी हरकतों से रंजीत की बदनामी हो रही थी। जिससे वो इस कदर टूट गया कि उसने मंगलवार को रचना को पीटने के साथ ही जहरीला पदार्थ खिला दिया, लेकिन वो उसको मरते हुए नहीं देख पाया। उसकी हालत बिगड़ते ही रंजीत का मन पसीज गया और वो उसको आनन-फानन में हैलट ले गया, जहां गंभीर हालत होने पर उसे आईसीयू में रखा गया। रंजीत को लगा कि वो अब नहीं बच पाएगी। इसलिए उसने कैंट स्थित रेलवे ट्रैक पर जाकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने खुद को बेटी की मौत का जिम्मेदार बताते हुए जान देने की बात लिखी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम भेजकर परिजनों को जानकारी दी तो घर में कोहराम मच गया।

जिंदगी के लिए लड़ रही है वो

रंजीत ने रचना को मरा समझकर जान दे दी है, लेकिन वो अब भी जिंदा है। उसको आईसीयू में रखा गया है। जहां वो जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही है। यहां एक सवाल ये भी उठता है कि अगर बेटी ने कोई गलत काम किया तो इसका जिम्मेदार भी तो माता-पिता ही हैं, क्योंकि उसकी पेरेंटिंग में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं रह गई।

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फॉर योर इंफॉर्मेशन

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बच्चे पर जरूर दें ध्यान

सीनियर साइकियाट्रिस्ट डॉ। धनंजय चौधरी बताते हैं कि पेरेंटिंग पर बचपन से ही बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। क्योंकि जरा सी लापरवाही से बड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। बच्चा कहां जाता है? किससे मिलता है? उसके दोस्त कौन-कौन से हैं? उसके दोस्तों का पारिवारिक बैकग्राउंड क्या है? बच्चा अगर घर देर से आता है? क्या बच्चा कोचिंग पढ़ने या स्कूल से घर समय पर आता है? इन सब सवालों के उत्तर जानिए। अगर इसमें कहीं भी थोड़ा डाउट सामने आए तो अलर्ट हो जाइए। बच्चे को प्यार से समझाएं। किसी अच्छे काउंसलर से उसकी काउंसिलिंग करवाइए। अगर उस पर निगाह रखेंगे और प्यार से हैंडिल करेंगे तो जरूर पेरेंट्स अपने बच्चे को बेहतर पेरेंटिंग दे सकेंगे।