अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने माना है कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के दौरान ग़लत तरीक़े से आउट दिया गया।

आईसीसी ने माना है कि तीसरे अंपायर को ग़लत रीप्ले दिखाया गया और ये टेलीविज़न प्रसारक आईएमजी की ग़लती थी।

आईसीसी के मैच रेफ़री क्रिस ब्रॉड ने एक बयान में कहा, "स्थिति को देखते हुए मैं इस बात से संतुष्ट हूँ कि एक तनावपूर्ण और लाइव मैच के दौरान ये एक दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन अनजाने में हुई ग़लती थी."

उन्होंने कहा कि जब तक ये ग़लती समझ में आती, देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा, "खेल जारी थी और फ़ैसला बदलने का कोई मौक़ा नहीं था। अब हमें ये बातें पीछे छोड़कर आगे के मैच पर ध्यान देना चाहिए."

घटना

ये घटना बाराबाडोस टेस्ट के पहले दिन हुई। फ़िडेल एडवर्ड्स की एक गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी का कैच मिड ऑन पर शिवनारायण चंद्रपॉल ने पकड़ा। फ़ील्ड अंपायर इयन गोल्ड को ये संदेह हुआ कि कहीं एडवर्ड्स की गेंद नो बॉल तो नहीं थी। इसके बाद उन्होंने तीसरे अंपायर ग्रेगॉरी ब्रैथवेट से इसकी पुष्टि करने को कहा।

ब्रैथवेट ने टीवी रीप्ले देखकर गेंद को वैध बताया और धोनी आउट करार दिए गए। लेकिन बाद में यह पता चला कि ब्रैथवेट को ग़लत रीप्ले दिखाया गया और जिस गेंद पर धोनी आउट दिए गए, वो नो बॉल थी।

टेलीविज़न प्रसारक आईएमजी ने इस मामले पर कहा है कि ये एक मानवीय भूल थी। ये मामला इसलिए भी और उलझ गया क्योंकि एक सीनियर रीप्ले ऑपरेटिव को बहुत कम समय के नोटिस पर घर लौटना पड़ा।

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