- उर्सला में मरीजों की फ्री डायलिसिस के लिए बन रही है यूनिट

-प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बजट को ज्यादा बताते हुए लगाई आपत्ति

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KANPUR। उर्सला अस्पताल में बनने वाली डायलिसिस यूनिट पर ग्रहण लग गया है। जिसके चलते पेशेंट्स को अच्छी सुविधा पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। नए प्रमुख सचिव स्वास्थ ने प्रोजेक्ट में पहले तय हो चुके नौ लाख रुपये का बजट देने पर आपत्ति जताई है। ये डायलिसिस यूनिट उर्सला में हैरिटेज हॉस्पिटल से समझौते के तहत बन रही है।

बजट के ज्यादा होने पर आपत्ति

उर्सला इमरजेंसी भवन के प्रथम तल में पिछले 6 माह से 13 बेड की क्षमता वाली नई डायलिसिस यूनिट बन रही है। यूनिट का ढांचा तैयार हो चुका है। अभी फ्लोरिंग, टाइल्स, बिजली लाइन दौड़ाने का काम बाकी है। यूपी हेल्थ सर्विस स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम के तहत पीपीपी मॉडल पर बन रही डायलिसिस यूनिट को लेकर हैरिटेज अस्पताल बनारस का शासन से यह समझौता हुआ था कि यूनिट के निर्माण कार्य के लिए शासन से 9 लाख रुपये बजट मिलेगा। पर अभी तक शासन की ओर से एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। वहीं नए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एके सिन्हा ने यह कहकर आपत्ति लगा दी कि बजट ज्यादा है। इसपर हैरिटेज अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व बिग्रेडियर राम सिंह ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि तत्कालीन प्रमुख सचिव के साथ जो समझौता हुआ था, वहीं लागू होना चाहिए।

16 जिलों में बननी है यूनिट

दरअसल प्रदेश के 16 जिलों में डायलिसिस यूनिट हैरिटेज अस्पताल की ओर से लगाई जा रही हैं। आजमगढ़ में तो यूनिट चालू भी हो गई है। डायलिसिस यूनिट का संचालन हैरिटेज अस्पताल करेगा। वह खुद ही अपना स्टाफ रखेगा और उनका वेतन भी वहन करेगा। यूनिट में 24 घंटे मुफ्त सेवा प्रदान की जाएगी। समझौते के तहत शासन हैरिटेज अस्पताल को प्रति डायलिसिस 1450 रुपये की दर से बजट मुहैय्या कराएगा। जबकि मरीजों से एक भी पैसा नहीं लिया जाएगा। बिजली का बिल तक हैरिटेज अस्पताल ही देगा। हैरिटेज अस्पताल का लक्ष्य है कि हर माह पांच सौ मरीजों की डायलिसिस की जाए।

हर माह आते हैं 50 पेशेंट्स

वर्तमान में उर्सला में 3 डायलिसिस मशीनें हैं, जिसमें हर माह 50 मरीजों की ही डायलिसिस हो पाती है। डायलिसिस की शुरुआत में जरुरी डिस्पोजल सामान का खर्च मरीजो को ही वहन करना होता है। जो कि मार्केट में करीब 3 हजार रुपये की होती है। वहीं उर्सला में डायलिसिस का खर्च 400 रुपये है। जबकि अगर निजी पैथोलॉजी में इसके लिए 2 हजार रुपये तक लिए जाते हैं। मालूम हो कि किडनी पेशेंट्स की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए डायलिसिस कराने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

'यूपी हेल्थ सर्विस स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। काम फिलहाल रुका हुआ है.'

- डॉ। संजीव कुमार, सीएमएस