- ई-रिक्शा पर आरटीओ ने कसा शिकंजा, ड्राइविंग लाइसेंस के साथ हर दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट भी लेना होगा

मनमाने अंदाज में सिटी में दौड़ रहे ई-रिक्शा चालकों पर आरटीओ ने सख्ती शुरू कर दी है। इनको अब आरटीओ के नियम-कानून को फॉलो करना होगा। वरना ये रोड पर नहीं दौड़ पाएंगे। सड़क पर चलाने से पहले ई-रिक्शे का तय शुल्क जमा करके रजिस्ट्रेशन कराना होगा और ड्राइवर के पास इसको चलाने का लाइसेंस भी लेना होगा।

नहीं चलेगा, खरीदो और दौड़ाओ

तेजी से बढ़ती ई-रिक्शों की संख्या ट्रैफिक के लिए मुसीबत बनती जा रही है। इनके संचालन पर अब तक आरटीओ की कोई लगाम नहीं थी और न ही नगर निगम में इनका रजिस्ट्रेशन ही जरूरी था। ऐसे में इन्हें खरीदने वाले निडर होकर रिक्शा खरीदने के साथ ही सवारियां ढोना शुरू कर देते थे। इसको चलाने वाले के पास लाइसेंस है या फिर नहीं, इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं होती थी। इसी को देखते हुए परिवहन आयुक्त ने ई-रिक्शा ओनर्स के लिए शासनादेश जारी कर उसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

पकड़े जाने पर होगा जुर्माना

ई-रिक्शा ओनर बनने से पहले आरटीओ कार्यालय में व्यवसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की नियमावली के तहत टैक्स जमा कर पंजीयन कराना होगा। इसी के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा जिसे रिक्शे पर दर्ज करना होगा। तभी वह रिक्शा रोड पर चल सकेगा। बिना रजिस्ट्रेशन वाले रिक्शों पर सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्रेशन के बाद हर दो वर्ष में रिक्शे की फिटनेस का प्रमाण पत्र भी एआरटीओ से लेना होगा। बिना लाइसेंस, फिटनेस और रजिस्ट्रेशन के रिक्शा चलाते पाए जाने पर चालान के साथ जुर्माना वसूल करेंगे।

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अब ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा और उनकी फिटनेस भी नियमों के तहत दी जाएगी। इसको चलाने वाले को ड्राइविंग लाइसेंस लेना होगा। इनके रूट का भी निर्धारण किया जाएगा। इसका प्रॉसेस चल रहा है।

- प्रभात पांडेय , एआरटीओ, कानपुर